प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले डाबर च्यवनप्राश ने किया जागरूकता सत्र का आयोजन

लखनऊ। भारत में मानसून और उसके बाद बदलते मौसम में कई तरह की बीमारियां उत्पन्न होती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने पर खासकर बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं। तापमान में कमी और नमी के स्तर में वृद्धि के कारण मानसून के दौरान संक्रमण होना एक आम बात है। जिसकी वजह से आमतौर पर मानसून में सर्दी एवं खाँसी, मलेरिया, डेंगू, टायफाइड और निमोनिया जैसी बीमारियां फैलती हैं। उष्ण, नम और Dाार्द्र जलवायु के कारण कई तरह के संक्रमण हो सकते हैं, जो प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने पर ज्यादा तेजी से फैलते हैं। इन रोगों से बचने के लिये रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाये रखने के लिये डाबर च्यवनप्राश ने यहां बाल निकुंज गर्ल्स अकेडमी, बेलीगारद शाखा, सेक्टर पी, अलीगंज में छात्राओं के लिये जागरूकता सत्र का आयोजन किया। इस दौरान शिवा हॉस्पिटल के आयुर्वेद फिजिशियन डा- आर-सी- उप्रेती, अकेडमी के एमडी एच-एन- जायसवाल, प्रधानाचार्या डा- अनूप कुमारी शुक्ला, कोआर्डिनेटर सुधीर मिश्रा व ओपी वर्मा आदि मौजूद थे।प्रशांत अग्रवाल, मार्केटिंग हेड- हेल्थ सप्लीमेंट्स, डाबर इंडिया लिमिटेड ने कहा आयुर्वेद की समृद्ध विरासत और प्रकृति के गहन ज्ञान के साथ, डाबर ने हमेशा प्रामाणिक अध्ययन के माध्यम से सभी के लिए सुरक्षित, लागत प्रभावी और प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान केंद्रित किया है। आयुर्वेद पुस्तकें पांडुलिपियाँ। हम अपने उत्पाद के माध्यम से वर्तमान में भारत में विभिन्न बीमारियों से निपटने का प्रयास कर रहे हैं। भारत में लोग अपने प्रकृति गुणों के कारण चिकित्सा हस्तक्षेप के रूप में हर्बल और वनस्पति अर्क को पसंद करते हैं। डाबर च्यवनप्राश आयुर्वेद के प्राचीन भारतीय ज्ञान और विज्ञान की अत्याधुनिक तकनीक से तैयार किया गया फॉर्मूलेशन है। यह उत्पाद खुद को दिन-प्रतिदिन के विभिन्न संक्रमणों से बचाने का एक आदर्श तरीका है। अमला (भारतीय आंवला, डाबर च्यवनप्राश का प्रमुख घटक है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। इसके अलावा गुदुची, पिप्पली, कांटाकरी, काकदासिंगी, भूम्यामालकी, वासाक, पुष्करमूल, प्रिष्णीपर्णी़ शालपर्णी, आदि अन्य सामग्रियां भी सामान्य संक्रमण एवं श्वसन तंत्र की एलर्जी को कम करने में मददगार हैं। इस प्रकार च्यवनप्राश कई गुणकारी जड़ी-बूटियों का संतुलित मिश्रण है़ जो मानसून के मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान कर हमें बेहतर स्वास्थ्य देता है।