प्रयागराज।उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने बताया कि मुक्त विश्वविद्यालय के द्वार सभी छात्रों के लिए हमेशा खुले हैं। मुक्त विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने के लिए न तो आयु और न ही औपचारिक शिक्षा की अनिवार्यता का बंधन है।प्रोफेसर सिंह मंगलवार को नोएडा क्षेत्रीय केंद्र के समन्वयकों की कार्यशाला के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं।प्रोफेसर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में सभी आयुवर्ग के छात्र घर पर कार्य पूर्ण करके, ऑनलाइन काउंसलिंग द्वारा, यूट्यूब पर लेक्चर सुनकर, परामर्श कक्षाओं में उपस्थित होकर जब भी वे जैसे चाहें अध्ययन कर सकते हैं। विश्वविद्यालय में 20 अक्टूबर तक सभी अध्ययन केन्द्रों पर प्रवेश प्रक्रिया जारी है।उन्होंने बताया कि मुक्त विश्वविद्यालय में प्रवेश/नामांकन की नीति खुली और शिथिल है। स्थान की दृष्टि से भी मुक्त विश्वविद्यालय खुला है। इसमें किसी स्थान अथवा किसी विश्वविद्यालय प्रांगण की बंदिश नहीं है। यह सभी व्यक्तियों के लिए खुला है।प्रोफेसर सिंह ने बताया कि परम्परागत विश्वविद्यालयों की तरह मुक्त विश्वविद्यालय में प्रवेश का कोई निश्चित मापदंड नहीं है। यह समस्त वर्गों के व्यक्तियों के लिए खुला है। शिक्षण के साधनों के क्षेत्र में भी मुक्त विश्वविद्यालय में खुलापन है। इसमें प्रत्येक नवीन विधि का प्रयोग किया जाता है। विचारों की दृष्टि से भी मुक्त विश्वविद्यालय खुला है। इसमें मुक्त विचारों, नवाचारों हेतु तत्परता एवं निरंतर प्रयोगों के लिए स्थान है।प्रोफेसर सिंह ने बताया कि मुक्त विश्वविद्यालय में लचीली शिक्षा प्रणाली है, जिसमें समय व स्थान का बंधन नहीं है तथा विश्वविद्यालय के किसी भी पाठ्यक्रम को चुनने की स्वतंत्रता छात्रों को है। इस विश्वविद्यालय में प्रवेश के नियम सरल हैं तथा किसी कोर्स में प्रवेश हेतु अन्य विश्वविद्यालय के समान निर्धारित योग्यता का बंधन नहीं है। मुक्त विश्वविद्यालयों में अध्ययन के स्तर तथा गुणवत्ता का पर्याप्त ध्यान रखा जाता है। प्राय: विद्वान विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार अध्ययन सामग्री छात्रों को उपलब्ध कराई जाती है।कुलपति प्रोफेसर सिंह ने बताया कि मुक्त विश्वविद्यालय के अध्ययन केन्द्र प्रदेश के प्रायः सभी शहरों में स्थापित हैं। जहाँ से छात्र संपर्क कर नामांकन करा सकते हैं। नोएडा क्षेत्रीय केंद्र के अंतर्गत मुक्त विश्वविद्यालय के अध्ययन केंद्र अलीगढ़, हापुड़, बुलंदशहर तथा गाजियाबाद जिले में स्थित हैं। इन जिलों में 32 अध्ययन केन्द्र मुक्त विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों को लोगों के घर-घर तक पहुंचा रहे हैं। प्रोफेसर सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय ने 5 से 15 अक्टूबर तक प्रदेश भर में ऑन द स्पॉट प्रवेश की व्यवस्था की है। इस व्यवस्था से उन प्रवेशार्थियों को लाभ मिलेगा जिनके पास नेट की कनेक्टिविटी सुलभ नहीं है।एक प्रश्न के जवाब में प्रोफेसर सिंह ने बताया कि जानकारी तथा प्रचार प्रसार के अभाव में अधिकांश लोग मुक्त विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में प्रवेश लेने से वंचित रह जाते हैं इसीलिए इस बार प्रदेश के सभी क्षेत्रीय केन्द्रों पर नामांकन अभिप्रेरण अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें विभिन्न कॉलेज, संस्थानों में जाकर मुक्त विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी जा रही है। आशा है कि 20 अक्टूबर तक इससे अधिकांश छात्र लाभान्वित होंगे तथा विश्वविद्यालय की छात्र संख्या में भी आशातीत वृद्धि होगी।प्रोफेसर सिंह ने बताया कि कौशल विकास कार्यक्रमों के अंतर्गत विश्वविद्यालय प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ एमओयू स्थापित कर रहा है। जिससे युवा उन संस्थाओं से प्रशिक्षित होकर रोजगार प्राप्त कर सकें। नोएडा क्षेत्र में इसकी अपार संभावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने मुक्त विश्वविद्यालय को कौशल विकास केन्द्र के नोडल केंद्र के रूप में मान्यता प्रदान की है।उन्होंने बताया कि मुक्त विश्वविद्यालय में दूरस्थ शिक्षा स्व अध्ययन पाठ्य सामग्री, ऑनलाइन काउंसलिंग तथा यूट्यूब वीडियो लेक्चर आदि के द्वारा छात्रों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं। मुक्त विश्वविद्यालय में छात्र स्वाध्याय द्वारा पाठ्यक्रम पूर्ण करते हैं तथा नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित होना उनके लिए अनिवार्य नहीं है।प्रोफेसर सिंह ने बताया कि नौकरी, व्यवसाय आदि करने वाले छात्रों, गृहणियों, सरकारी सेवकों, कामकाजी महिलाओं के ज्ञानार्जन के लिए मुक्त विश्वविद्यालय उन्हें मनपसंद विषय में प्रवेश का अवसर प्रदान करता है। वर्ष में प्राय: दो बार परीक्षाओं का मुक्त विश्वविद्यालय में आयोजन किया जाता है। जिसमें छात्रों को एक से अधिक अवसर मिल जाते हैं। छात्र स्वयं की सुविधानुसार पाठ्यक्रम पूर्ण कर परीक्षा में बैठ सकता है।प्रोफेसर सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय आगामी 2 नवंबर को अपना रजत जयंती वर्ष पूर्ण कर रहा है। विश्वविद्यालय में वर्ष भर तक कार्यक्रमों की विभिन्न श्रृंखलाएं आयोजित की गईं। इस अवसर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रीय केन्द्र को सम्मानित किया जाएगा।इसके साथ ही नोएडा क्षेत्रीय केन्द्र से संबद्ध अध्ययन केंद्रों के समन्वयकों की कार्यशाला रॉयल एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, डासना, गाजियाबाद में आयोजित की गई। जहां डॉ एमपी सिंह, निदेशक रॉयल एजुकेशनल इंस्टीट्यूट ने कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह एवं अन्य अधिकारियों का स्वागत किया। क्षेत्रीय केंद्र के प्रभारी डॉ जी के द्विवेदी एवं समन्वयक डॉ कविता त्यागी ने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की। विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी शशि भूषण सिंह तोमर, परीक्षा नियंत्रक डी पी सिंह, प्रवेश प्रभारी प्रोफेसर जे पी यादव, काउंसलिंग प्रभारी डॉ दिनेश सिंह आदि ने समन्वयकों की जिज्ञासाओं का समाधान किया। कार्यशाला का संचालन डॉ रीमा सोढ़ी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन रॉयल कॉलेज ऑफ़ लॉ की प्राचार्य डॉ टीना गर्ग ने किया।
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