सिद्धार्थनगर। कठेला थाना क्षेत्र के धोबहा खलंगाडीह गांव में रविवार को देर शाम शोक सभा का आयोजन कर लोगों ने मृतक के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और एक स्वर में मृत्यभोज का बहिष्कार किया। बौद्धाचार्य डॉ.जेपी बौद्ध ने उपस्थित लोगों को त्रिशरण एवं पंचशील ग्रहण कराया।भारतीय बौद्ध महासभा के मंडल महासचिव बस्ती केदारनाथ आजाद ने कहा कि मृत्युभोज मनुष्य को दुख देने वाली एक कुरीति है जो समाज के लिए अब एक अभिशाप बन चुकी है। इसे हम सभी को जल्द से जल्द बंद करना होगा।जिलाध्यक्ष राममिलन गौतम ने कहा कि राजस्थान में अब कोई मृत्युभोज नहीं कर सकता क्योंकि वहां की सरकार ने मृत्युभोज निवारण अधिनियम-1960 के प्रावधानों के अनुसार पूरे राज्य में मृत्युभोज को पूर्णतया बंद कर दिया है। इसका उलंघन करने पर दंड का भी प्रावधान किया गया है। अब समय आ गया कि इसे पूरे देश में प्रतिबंधित कर देना चाहिए। जिला उपाध्यक्ष जयकिशोर गौतम ने कहा कि आयोजक राधेश्याम बौद्ध ने अपने पिता की मृत्यु के बाद समाजहित में मृत्युभोज नहीं करने का निर्णय लेकर समाज को एक नई दिशा देने का कार्य किया है जो सराहनीय है। हम सभी को इसका अनुशरण करना चाहिए। इस अवसर पर अरुण कुमार भारती, आरके राव, संतोष कुमार आजाद, महेंद्र बौद्ध, अनिल कुमार गौतम, गोविंद प्रसाद, मारकण्डेय भारती, राधेश्याम आदि मौजूद रहे।
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