तेहरान। ईरान में मानवाधिकारों पर जेल में डालने की कार्रवाई की जा रही है। इसमें नोबल पुरस्कार विजेता नर्गिस मोहम्मदी भी शामिल हैं। इस बात का खुलासा करते हुए संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र जांचकर्ता ने कहा कि तेहरान प्रदर्शनकारियों पर लगातार कार्रवाई कर रहा है। उसने शांति के लिए नोबेल पुरस्कार जीतने वाली नर्गिस मोहम्मदी सहित अन्य मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा है। जांचकर्ता जावेद रहमान की ओर सेजारी एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ईरान में बड़ी संख्या में मृत्युदंड की सजा दी जा रही है। रिपोर्ट में अक्टूबर 2022 से जुलाई तक के आंकड़ों को शामिल किया गया है। यह रिपोर्ट शुक्रवार को मोहम्मदी को शांति के लिए नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा से पहले ही तैयार कर ली गई थी। मोहम्मदी फिलहाल तेहरान की इविन जेल में हैं और वह लंबे समय से महिला अधिकारों की पैरोकार रही हैं। लंदन में ब्रुनेल विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के प्रोफेसर रहमान ने महासभा को दी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया कि वकीलों और मानवाधिकार रक्षकों के साथ ही मोहम्मदी को भी जेल में बंद किया गया है।
गौरतलब है कि रहमान पाकिस्तान से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने 2022 में कुर्दिश समुदाय से ताल्लुक रखने वाली महासा अमीनी को ‘हिजाब’ न पहनने के लिए गिरफ्तार किए जाने और हिरासत में उसकी मौत होने के बाद देश भर में बड़े पैमाने पर हुए विरोध-प्रदर्शनों को समाप्त कराने के वास्ते बल प्रयोग करने के ईरानी प्रशासन के फैसले की कड़े शब्दों में आलोचना की थी। रहमान ने कहा था कि जुलाई के अंत में 68 बच्चों और 48 महिलाओं सहित कम से कम 537 लोगों की प्रदर्शनों के दौरान मौत हो चुकी है। सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं, जबकि हजारों लोगों को कथित तौर पर गिरफ्तार किया गया है, या हिरासत में लिया गया है या फिर जेल में बंद किया गया है। रहमान ने निराशा व्यक्त की कि ईरान ने अमीनी की मौत और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अवैध बल प्रयोग से जुड़े मामलों की स्वतंत्र एवं पारदर्शी तरीके से जांच नहीं की।