नई दिल्ली। कमजोर मांग और देश के कुछ हिस्सों में औद्योगिक गतिविधियां कमजोर पड़ने से डीजल की बिक्री सितंबर में तीन प्रतिशत कम हो गई है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के शुरुआती आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। सितंबर में सार्वजनिक क्षेत्र की तीनों पेट्रोलियम कंपनियों की डीजल बिक्री में गिरावट आई है। हालांकि, पेट्रोल की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। देश में सबसे ज्यादा खपत वाले ईंधन डीजल की बिक्री सितंबर में घटकर 58.1 लाख टन रह गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 59.9 लाख टन थी। सितंबर के पहले पखवाड़े में डीजल की मांग में पांच प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, जबकि बारिश कम होने से दूसरे पखवाड़े में डीजल की मांग बढ़ी। मासिक आधार पर डीजल की बिक्री ढाई प्रतिशत अधिक रही है। अगस्त में डीजल की बिक्री 56.7 लाख टन रही थी। आमतौर पर मानसून के दौरान डीजल की बिक्री घट जाती है, क्योंकि बारिश के कारण कृषि क्षेत्र की मांग कम रहती है। कृषि क्षेत्र में सिंचाई, कटाई और परिवहन के लिए ईंधन के रूप में डीजल का इस्तेमाल होता है। अप्रैल और मई में डीजल की खपत क्रमशः 6.7 प्रतिशत और 9.3 प्रतिशत बढ़ी थी, क्योंकि उस समय कृषि क्षेत्र की मांग अच्छी रही थी। इसके अलावा गर्मियों की वजह से कारों में एयर कंडीशनर का इस्तेमाल बढ़ा था। आंकड़ों के अनुसार सितंबर में पेट्रोल की बिक्री पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 5.4 प्रतिशत बढ़कर 28 लाख टन हो गई। अगस्त में पेट्रोल की मांग में वृद्धि लगभग स्थिर रही है। सितंबर में मासिक आधार पर पेट्रोल की मांग 5.6 प्रतिशत बढ़ी है।
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