बाइकों से ज्यादा सड़कों पर ई-रिक्शा की धमाचैकड़ी

फतेहपुर। शहर में इन दिनों बैटरी चलित ई-रिक्शा की भरमार है। सड़कों से लेकर गलियों तक में इनकी धमाचैकड़ी से आम लोग परेशान हैं। बेरोजगारी व मंहगाई के चलते कम पढ़े लिखे लोगों के साथ ही पढ़े लिखे लोग भी ई-रिक्शा को अपना व अपने परिवार का पेट भरने के साधन के तौर पर अपना रहे हैं। वहीं दूसरी ओर लोगों की जीविका का संसाधन बन चुके ई-रिक्शा आम लोगों के लिए जितने सुविधाजनक है उतने ही समस्याओं की वजह भी है। सड़कों पर चलने वाले इन ई-रिक्शा चालकों में से अधिकतर के पास न तो ड्राईविंग लाइसेंस होता है न ही इनके पास ई-रिक्शा चलाने का कोई प्रशिक्षण होता है। बाइक जैसी हैंडल वाली तीन पहियों का रिक्शा खरीदा या किसी से किराए पर लिया सीट पर बैठकर एक्सीलरेटर घुमाया और लगे सड़कों पर फर्राटा भरने। यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले इन रिक्शा चालकों में से अधिकतर के पास यातायात से जुड़े नियमों तक की कोई जानकारी नहीं होती। जिसके चलते यह रिक्शा चालक यात्री के हाथ देकर रुकने भर के इशारे करते ही बीच सड़क पर ही रिक्शा रोक देते हैं। कई बार इस तरह की हरकत करने से पीछे चलने वाले वाहनों या उस पर बैठे यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है। चोटहिल होने के साथ ही अस्पताल भर्ती तक की नौबत आन पड़ती है। लापरवाही की यह कोई अकेला उदाहरण नही है। बल्कि रात के अंधेरे में इन रिक्शा चालकों के द्वारा हेड लाईट का भी प्रयोग नहीं किया जाता जिससे सड़क पर विपरीत दिशा से आ रहा। वाहन एवं सड़क पर चलने वाला यात्री इनकी चपेट में आकर घायल होता रहता है।