वाराणसी। क्षेत्रीय अधिकारी उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया कि वाराणसी के चांदपुर औद्योगिक संस्थान में 08 साड़ी प्रिंटिंग उद्योग, भदोही 16 उलेन यार्न ड्राइंग प्लांट उद्योग, चन्दौली में 08 उद्योग एवं गाजीपुर में 01 जल प्रदूषण उद्योग संचालित है। जिनका शुद्धिकृत उत्प्रवाह परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप से गंगा में विस्तारित किया जाता है।उन्होंने बताया कि उपरोक्त समस्त उद्योगों में उत्प्रवाह शुद्धीकरण संयंत्र स्थापित है। राज्य बोर्ड द्वारा लाल श्रेणी के उद्योगों का 03 माह में एक बार, नारंगी श्रेणी के उद्योगों का 06 माह में एक बार एवं हरी श्रेणी के उद्योगों का स्थलीय निरीक्षण किये जाने का प्राविधान किया गया है। प्राविधानानुसार उद्योगों का स्थलीय निरीक्षण किया जाता है तथा निरीक्षण के दौरान उद्योग संचालित होने की दशा में उत्प्रवाह शुद्धीकरण संयंत्र के माध्यम से शुद्धीकृत उत्प्रवाह के नमूनें का एकत्र कर क्षेत्रीय कार्यालय की प्रयोगशाला (एनएबीएल एकीडेटेड) में विश्लेषण कराया जाता है। विश्लेषण आख्या के आधार पर जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 ( या संशोधित) मं वर्णित प्राविधानों के अनुसार अग्रिम आवश्यक कार्यवाही राज्य बोर्ड द्वारा किया जाता है। उक्त के अतिरिक्त समय-समय पर केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं उनके द्वारा नामित थर्ड पार्टी द्वारा भी निरीक्षण किया जाता है तथा दी गयी संस्तुति के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जाती है। वाटर पॉल्यूटिंग उद्योगों में उत्प्रवाह शुद्धीकरण संयंत्र स्थापित नहीं है की सूचना को उन्होंने खारिज कर दिया। उन्होंने बताया कि राज्य बोर्ड द्वारा उद्योगों के निरीक्षण के समय एकत्रित किये गये उत्प्रवाह के नमूनों की विश्लेषण आख्यानुसार उद्योगों से एकत्रित किये गये उत्प्रवाह के नमूनों में जल प्रदूषणकारी प्राचालकों की मात्रा बोर्ड द्वारा निर्धारित मानको के अनुरूप पायी गयी है। उन्होंने यह भी बताया कि जनपद-भदोही में साड़ी का कोई उद्योग नहीं है, केवल यार्न की डाइंग का कार्य किया जाता है। राज्य बोर्ड द्वारा प्रदूषणकारी उद्योगों का इन्वेन्ट्री किया जाता है तथा प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम में वर्णित प्राविधानों का अनुपालन कराये जाने की कार्यवाही की जाती है।गाजीपुर में वर्तमान में मेसर्स गर्वनमेंट ओपियम एण्ड एल्कलाएड वर्क्स उद्योग संचालित हैं, जिसमें उत्प्रवाह शुद्धीकरण संयंत्र स्थापित एवं संचालित है।
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