न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल पाकिस्तान में आई बाढ़ को जलवायु परिवर्तन का परिणाम बताया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पाकिस्तान में पिछले साल आई विनाशकारी बाढ़ को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का परिणाम बताया है। बुधवार को यूएन महासचिव ने कहा कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बड़े पैमाने पर समर्थन की जरूरत है और वह इसका हकदार भी है। उन्होंने कहा कि मैं दानदाताओं से और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का आह्वान करता हूं। उन्होंने कहा कि मामले में इस्लामाबाद को 816 मिलियन डॉलर में से केवल 69 प्रतिशत ही प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान अभी भी फंड का इंतजार कर रहा है और देरी से लोगों का जीवन और कठिन हो जाएगा। पाकिस्तान की बाढ़ को जलवायु परिवर्तन से जोड़ने की बात करते हुए उन्होंने कहा, कि देश ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के एक प्रतिशत से भी कम के लिए जिम्मेदार है, लेकिन इसके लोगों को जलवायु संबंधी प्रभावों से अन्य जगहों के लोगों की तुलना में 15 गुना अधिक भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से लीबिया से लेकर हॉर्न ऑफ अफ्रीका, चीन, कनाडा और उससे आगे तक के लोग प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जलवायु अराजकता की भविष्यवाणी का एक उदाहरण है। इसलिए विकसित देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विकासशील देशों के लिए ग्रीन क्लाइमेट फंड में 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर देने होंगे। महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने मोरक्को और लीबिया में बाढ़ का जिक्र किया और कहा कि दोनों दुखद घटनाएं एक गंभीर स्थिति की ओर से ध्यान खींचती हैं।
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