ओटावा। कनाडा ने भारत के बाद इजरायल और दुनिया भर के यहूदियों को नाराज कर दिया है। हिटलर की नाजी एसएस आर्मी के 14वें वेफेन ग्रेनेडियर डिवीजन के एक पूर्व अधिकारी को 22 सितंबर को कनाडा की संसद में खड़े होकर सम्मानित किया गया था। 98 साल के यारोस्लाव हुंका को यूक्रेन की आजादी और रूस के खिलाफ लड़ने वाला बताया गया था। विरोध के बाद अब कनाडा को माफी मांगनी पड़ी है। जिसके बाद अब कनाडा का दुनिया भर के यहूदी विरोध कर रहे हैं। सेंटर फॉर इजरायल एंड यहूदी अफेयर्स ने ट्वीट में लिखा कि हम इस बात से बेहद परेशान और व्यथित हैं कि नाजी एसएस के कुख्यात 14वें वेफेन ग्रेनेडियर डिवीजन के एक यूक्रेनी वेटरन के लिए संसद में खड़े होकर तालियां बजाई गई। इसने यहूदियों के नरसंहार में सक्रिय रूप से भाग लिया था। आगे कहा गया कि कनाडा का यहूदी समुदाय यूक्रेन के साथ इस युद्ध में खड़ा है लेकिन हम तब चुप नहीं रह सकते जब नरसंहार के दौरान यूक्रेनियों की ओर से किए गए अपराधों पर पर्दा डाला जाता है। कनाडा की संसद के स्पीकर ने हुंका को सम्मानित किए जाने को लेकर माफी मांगी। दो दिन पहले स्पीकर एंथोनी रोटा ने यारोस्लाव हुंका को यूक्रेन का नायक बताया था। यहूदी मानवाधिकार समूह फ्रेंड्स ऑफ साइमन विसेन्थल सेंटर की ओर से भी माफी की मांग की जा रही थी। स्पीकर रोटा ने एक बयान जारी कर इसकी पूरी तरह से जिम्मेदारी ली। उन्होंने कहा कि बाद में मुझे ज्यादा जानकारी के बारे में पता चला, जिसके बाद मुझे अपने फैसले पर पछतावा है।
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