नई दिल्ली। वैश्विक वित्तीय कंपनी जेपी मॉर्गन भारतीय सरकारी बांड (आईजीबी) या सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) को उभरते बाजार सूचकांक में शामिल करने की योजना बना रही है। आईजीबी को 28 जून 2024 से 31 मार्च 2025 तक 10 महीने की अवधि में क्रमबद्ध तरीके से शामिल किया जाएगा, जो इसके सूचकांक भारांक पर एक प्रतिशत वृद्धि का संकेत देता है। जेपी मॉर्गन ने कहा कि जीबीआई-ईएम ग्लोबल डायवर्सिफाइड में भारत की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत के अधिकतम भारांक तक पहुंचने और जीबीआई-ईएम ग्लोबल इंडेक्स में करीब 8.7 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है। वर्ष 2020-21 के अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकारी प्रतिभूतियों की कुछ निर्दिष्ट श्रेणियां पूरी तरह से अनिवासी निवेशकों के लिए खोली जाएंगी, इसके अलावा घरेलू निवेशकों के लिए भी उपलब्ध होंगी। निर्दिष्ट प्रतिभूतियां जिन्हें सूचकांकों पर सूचीबद्ध किया जाएगा, उनके लिए कोई समय-सीमा तय करने की आवश्यकता नहीं है।
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