महिला महाविद्यालय में सिफ्पसा के अंतर्गत कार्यशाला का हुआ आयोजन

बाँदा।राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में क्यू क्लब (सिफ्पसा)के अंतर्गत द्वितीय दो दिवसीय कार्यशाला के आयोजन की अध्यक्षता प्राचार्य प्रोफेसर दीपाली गुप्ता द्वारा की गई।कार्यशाला के दूसरे दिवस की शुरुआत डाॅक्टर अस्तुति वर्मा द्वारा रीकैप और विभिन्न गतिविधियों को छात्राओं से करवा कर की गई।इस कार्यशाला का आयोजन नोडल अधिकारी डाॅक्टर सबीहा रहमानी के द्वारा किया गया।इस अवसर पर मास्टर ट्रेनर डाॅक्टर अंकिता तिवारी एवं डाॅक्टर अस्तुति वर्मा ने अपने अपने विषय पर बेहतरीन व्याख्यान पीपीटी प्रजटेंशन के साथ दिये।कार्यशाला के विषय “स्वेच्छा से माता पिता बनना न कि संयोग से” विषय पर डाॅक्टर सबीहा रहमानी ने एवं “मानवाधिकार” पर डाॅक्टर संदीप सामंत सिंह ने अपने विचार रखे।डाॅक्टर अस्तुति वर्मा ने मातृ स्वास्थ्य-गर्भावस्था के दौरान होने वाली जांचें,टीकाकरण,गर्भपात पर विस्तार से बताया।डाॅक्टर नीतू सिंह ने बाल स्वास्थ्य,टीकाकरण तालिका, स्तनपान के महत्व,दस्तरोग की विस्तृत जानकारी प्रदान करी।डा जयंती से सिंह ने प्रजनन अंगों के संक्रमण और स्वास्थ्य के बिंदुओं पर प्रकाश डाला । विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित डाॅक्टर रामनरेश ने बहुत सारगर्भित ढंग से छात्राओं को उनके मानसिक स्वास्थ्य के विषय में सविस्तार बताया।डाॅक्टर सबीहा रहमानी ने मानवाधिकार की परिभाषा बताते हुए कहा कि “सब समान भागी जीवन के” जैसे हम महिलाएं अब यह चाहती हैं कि मैं चमन में चाहे जहां रहूं मेरा हक है फसले बहार में” उन्होंने इस विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की तथा छात्राओं से गतिविधि भी करवायीं।डाॅक्टर सचिन मिश्रा,डाॅक्टर विनय सिंह पटेल,डाॅक्टर संदीप सामंत सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। प्राचार्य प्रोफेसर दीपाली गुप्ता ने अपने अध्यक्षीय भाषण में सत्यम शिवम सुन्दरम के भाव को जीवन में उतारने पर बल दिया ताकि हमारे व्यक्तित्व और चरित्र में दृढ़ता आये व डाॅक्टर सबीहा रहमानी ने किशोरावस्था- प्रजनन विकास शारीरिक मानसिक एवं पर्यावरण परिवर्तन नये जीवन की शुरुआत-महावारी के विषय में तथ्यपरक जानकारी प्रदान की गई।