भारतीय संस्कृति और विज्ञान साथ-साथ चल सकते हैं: राजनाथ

नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि वैज्ञानिकता और तार्किकता हमारी सोच , हमारे व्यवहार में है, इसीलिए देश चंद्रयान-3 मिशन जैसी गौरवशाली उपलब्धि हासिल कर सका है।श्री सिंह आज यहां लोकसभा में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र में उपलब्धियों पर चर्चा के दौरान कहा कि ‘भारत की गौरवशाली अंतरिक्ष यात्रा चंद्रयान-3 के सफल सॉफ्ट लैंडिंग’ पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि देश की इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर उन्हें बहुत गौरव की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक प्रकृति और मनोदशा हमारी विरासत में है। वैज्ञानिक एवं गणित के सूत्र हमें प्राचीन ग्रंथों में मिलते हैं। उन्होंने कहा कि देश में पीपल, नीम और तालाब की पूजा प्राचीन काल से होती आ रही है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के लिए संस्कृति और विरासत का विरोध करना प्रगति का सूचक हो गया है। भारतीय संस्कृति और विज्ञान साथ-साथ चल सकते हैं।उन्होंने कहा कि जब भी भारत में किसी व्यक्ति ने कोई वैज्ञानिक उपलब्धि हासिल की है तो भारतीय समाज ने उसे ऋषि का दर्जा दिया है। विज्ञान और आध्यात्मिकता का एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जब भूस्खलन के कारण एक सुरंग में मजदूर फंस गये थे तो हेलीकाप्टर के माध्यम से उन्हें निकाला गया। सुरंग से निकलते ही एक मजदूर ने कहा कि बद्री विशाल की जय। विज्ञान की प्रगति के कारण उस मजदूर को निकालने में मदद मिली लेकिन सुरंग में जिजीविषा, मनोबल और साहस उसे सांस्कृतिक विश्वास ने प्रदान किया।श्री सिंह ने कहा कि हमारा स्वभाव समावेशी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में संपन्न जी-20 सम्मेलन की सफलता को पूरे विश्व की सफलता बताया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में संस्कृति और विज्ञान को समान महत्व देते हुए देश आगे बढ़ रहा है।उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बात का जिक्र किया है कि वेदों में वैज्ञानिक पृष्ठभूमि की बातें कही गयी हैं। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण से राष्ट्र में सांस्कृतिक उत्कर्ष का नया अध्याय शुरू हो गया है। उनकी सरकार भारतीय संस्कृति की सुरक्षा के प्रति उतनी ही गंभीर है , जितनी अन्य क्षेत्रों में गंभीर है।श्री सिंह ने कहा कि चंद्रयान की सफलता में महिला वैज्ञानिकों का महती योगदान है। इसी सदंर्भ में उन्होंने कहा कि नारी शक्ति वंदन विधेयक ,2023 देश की महिला शक्ति को समर्पित है।उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता कोई अपवाद नहीं है। यह हमारी वैज्ञानिक यात्रा का विकास है। सूरज, चांद ,तारे के अध्ययन के लिए हम तैयार हैं। उन्होंने मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान विज्ञान के क्षेत्र में हुई प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में 389 विदेशी उपग्रह प्रक्षेपित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही और अंतरिक्ष मिशनों को अंजाम दिया जायेगा। चंद्रयान-3 मिशन की सफलता तो शुरुआत है। मंगल ग्रह पर देश परचम लहरायेगा।