राज्यमंत्री डाॅ. देवेन्द्र शर्मा ने जिले के अधिकारियों के साथ की बैठक

बहराइच। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष एवं दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने दो दिवसीय जनपद भ्रमण के दौरान शनिवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में जिले के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक के दौरान नगर निकायों के अधिशासी अधिकारियों व जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिया कि नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रामक रोगों पर प्रभावी अंकुश तथा बचाव के लिए समस्त विद्यालयों में साफ-सफाई, फागिंग व एण्टीलार्वा का छिड़काव कराना सुनिश्चित करें। सहायक श्रमायुक्त को निर्देश दिया कि आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, मनरेगा जाबकार्ड धारकों, कन्या सुमंगला योजना के लाभर्थी परिवारों व रसोईया इत्यादि को भी ई-श्रम कार्ड से लाभान्वित किया जाय। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया गया कि प्रत्ययेक विकास खण्ड में माॅडल स्कूल के रूप में 05-05 विद्यालयों को चिन्हित कर टेस्ट कराया जाय तथा प्राप्त परिणामों के अनुसार बेहतरी के लिए कार्ययोजना तैयार कर उसे लागू करें। डाॅ. शर्मा ने निर्देश दिया कि चिन्हित विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए खण्ड शिक्षा अधिकारी इन विद्यालयों में बच्चों के अभिभावकों के साथ माह में 02 बार बैठक भी करें। जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देश दिया गया कि माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए पुरातन छात्र-छात्राओं का सहयोग प्राप्त किया जाय। डॉ. शर्मा ने कहा कि समाज में विशेषकर युवा पीढ़ी में नशीले पदार्थों के सेवन की बढ़ती एक प्रकार से राष्ट्र की क्षति है। युवाओं को नशे की लत से दूर रखने के उद्देश्य से डीआईओएस व बीएसए को निर्देश दिया गया कि प्रार्थना-सभा के समय बच्चों को नशीले पदार्थो से दूर रहने का संकल्प दिलाया जाय। छात्र-छात्राएं बुरी आदतों से दूर रहें इसके लिए आवश्यक है कि युवा पीढ़ी को खेल के साथ-साथ अन्य प्रकार की सामाजिक गतिविधियों से जोड़ने के प्रयास किये जाएं। डाॅ. शर्मा ने कहा कि शिक्षण संस्थाओं में जब भी कोई स्पोर्ट्स, सोशल या अन्य आयोजन हों तो अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं की सहभागिता सुनिश्चित की जाय। बैठक के दौरान डाॅ. शर्मा ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि बालश्रम, बालविवाह, बाल अपराध तथा बाल नशा पर प्रभावी अंकुश के लिए व्यापक स्तर पर जनजागरूकता कार्यक्रम संचालित किया जाय तथा बालश्रम से मुक्त कराये गये बच्चों के पुनर्वास के बेहतर प्रबन्ध किये जाये। स्वास्थ्य, पुलिस, महिला कल्याण, आईसीडीएस, श्रम, शिक्षा, आबकरी व अन्य विभागों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि सभी अधिकारी टीम भावना के साथ उपेक्षित जिले के लिए रिज़ल्ट ओरियेन्टेड कार्य करें। इस अवसर पर मुख्य राजस्व अधिकारी अवधेश कुमार मिश्र, अपर पुलिस अधीक्षक कुंवर ज्ञानंजय सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. एस.के. सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी कैसरगंज कमलेश कुमार सिंह, पीडी डीआरडीए राज कुमार, डीआईओएस नरेन्द्र देव पाण्डेय, डी.पी.ओ. राजकपूर, जिला प्रोबेशन अधिकारी विनय कुमार सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर गुप्त, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संजय मिश्रा, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी बी.पी. सत्यार्थी, सहायक श्रमायुक्त सिद्धार्थ मोदियानी, डीपीआरओ राघवेन्द्र द्विवेदी, एआरटीओ प्रशासन राजीव कुमार, अधि.अधि. न.पा.परिषद बहराइच प्रमिता सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।