आठवीं बार एशिया कप का बादशाह बना भारत, सिराज ने लगाया विकेटों का सिक्सर

कोलंबो । भारतीय टीम ने श्रीलंका को उसके घर में 10 विकेट से रौंदकर इतिहास रच दिया है। एशिया कप फाइनल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है , जब किसी टीम ने 10 विकेट से विपक्षी टीम को मात दी है। टीम इंडिया की यादगार जीत में तेज गेंदबाज मोम्मद सिराज का अहम योगदान रहा जिन्होंने विकेटों का सिक्सर लगाकर श्रीलंका को महज 50 रन पर ढेर कर दिया। भारत ने 51 रन के लक्ष्य को 6.1 ओवर में बिना कोई विकेट दिए हासिल कर लिया।भारत की ओर से विकेटकीपर ओपनर ईशान किशन 23 रन बनाकर नाबाद लौट। जबकि शुभमन गिल ने नाबाद 27 रन का योगदान दिया। इससे पहले एशिया कप (वनडे फॉर्मेट) के फाइनल में भारत ने 1995 में श्रीलंका को ही 8 विकेट से हराया था जो विकेटों की लिहाज से किसी टीम की सबसे बड़ी जीत थी। श्रीलंका के 5 बैटर खाता भी नहीं खोल सके, जबकि उसकी ओर से कुशल मेंडिस सबसे ज्यादा 17 रन बनाए। इसके पहले श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया है। लेकिन बारिश की वजह से मैच देरी से शुरू हुआ। मैंच के शुरु होते ही पहले गेंदबाजी कर भारत ने श्रीलंका को 15.2 ओवर में 50 रन पर ढेर कर दिया। कुसल मेंडिस (17) और दुशान हेमन्था (13*) ने सबसे ज्यादा रन बनाए, जबकि पांच खिलाड़ी शून्य पर आउट हुए।इस मैंच के हीरो रहे मोहम्म्द सिराज ने 6 विकेट अपने नाम किए जिसमें चार विकेट उन्होंने एक ही ओवर में लिए हैं। सिराज ने अपनी दूसरे और ओवरआल चौथे ओवर में चार विकेट, शून्य, विकेट, विकेट, चार, विकेट अपने नाम किए। इसके अलावा सिराज ने अपने तीसरे, चौथे और पांचवें ओवर में एक-एक विकेट झटका। एक विकेट सफलता जसप्रीत बुमराह के हाथ लगी। वहीं अंतिम तीन विकेट हार्दिक पांड्या के नाम रहे।सिराज ने चमिंडा वास की बराबरी की
एक ओवर में 4 विकेट लेकर सिराज वनडे के इतिहास में चौथे गेंदबाज हो गए। वनडे क्रिकेट में सबसे तेजी से पारी के 5 विकेट लेने के श्रीलंका के पूर्व तेज गेंदबाज चमिंडा वास के रिकॉर्ड की भी उन्होंने बराबरी की।
फाइनल मैच में भारत-श्रीलंका की प्लेइंग-11
भारतीय टीम: रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, विराट कोहली, केएल राहुल (विकेटकीपर), ईशान किशन, हार्दिक पंड्या, रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, जसप्रीत बुमराह, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज
श्रीलंका टीम: पथुम निसांका, कुसल परेरा, कुसल मेंडिस (विकेटकीपर), सदीरा समरविक्रमा, चरिथ असालंका, धनंजय डी सिल्वा, दाशुन शनाका (कप्तान), डुनिथ वेलालगे, दुशान हेमंथा, प्रमोद मदुशन, मथीशा पथिराना।