दुनिया में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सबसे अधिक भारत में – धनखड़

भोपाल। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज कहा कि भारत में हाल के वर्षों में सभी क्षेत्रों में व्यापक प्रगति हुयी है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी दुनिया में सबसे अधिक इसी देश में है।श्री धनखड़ ने यहां माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री राजेंद्र शुक्ल, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव और अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
राज्यसभा के सभापति श्री धनखड़ ने भारतीय संसद का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया में अभिव्यक्ति की जितनी आजादी यहां की संसद में है, उतनी कहीं नहीं है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं ही राज्यसभा में सभी विषयों पर चर्चा के लिए सदस्यों को आमंत्रित करते हैं। नियमों के अनुरूप उन्हें समय देते हैं। उन्होंने मीडिया और पत्रकारों से आह्वान करते हुए कहा कि वे प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ हैं और यदि जनप्रतिनिधि भी अपना दायित्व बेहतर तरीके से नहीं निभा पा रहे हैं, उन्हें इस मुद्दे को भी तथ्यात्मक ढंग से उठाना चाहिए।श्री धनखड़ ने मीडिया से सटीक और तथ्यात्मक खबरों पर ज्यादा ध्यान देने का अनुरोध करते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों के दौरान देश में सभी क्षेत्रों में व्यापक प्रगति हुयी है। भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और आने वाले समय में यह तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्व की प्रमुख एजेंसी स्वयं भी इस बात को तथ्यों के साथ कह चुकी हैं। इस स्थिति में भारतीय मीडिया का भी दायित्व है कि वह सकारात्मक बातों को भी बेहतर तरीके से सबके सामने लाए।उन्होंने कहा कि आज के दौर में भी देश के विकास में मीडिया की बड़ी भूमिका है और पत्रकारों को यह बात समझना चाहिए। उन्हें खोजी पत्रकारिता पर भी ध्यान देना चाहिए। यदि सिस्टम में कहीं कोई कमी है, तो उसे तथ्यों के साथ सामने लाना चाहिए। मीडिया को सनसनीखेज और तथ्यविहीन खबरों से बचना चाहिए।उप राष्ट्रपति ने दिल्ली में हाल ही में संपन्न जी20 संबंधी शिखर बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि वे स्वयं उस आयोजन में थे और आयोजन स्थल पर ‘बाढ़’ जैसी स्थिति नहीं थी, लेकिन उसे इस तरह से नकारात्मक तरीके से पेश कर दिया गया, जैसे भयावह स्थिति थी। उन्होंने कहा कि वास्तव में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का यह एक सफल आयोजन हुआ है और वह कुछ लोगों को ठीक नहीं लगा। उन्होंने कहा कि देश में इसी तरह आर्थिक और अन्य क्षेत्रों में भी अभूतपूर्व विकास हो रहा है, लेकिन कुछ नागरिकों को यह हजम नहीं हो रहा है।श्री धनखड़ ने एक अन्य उदाहरण देते हुए कहा कि उनके कार्यालय (उप राष्ट्रपति) के ऑफिशियल हैंडल से सोशल मीडिया पर कुछ फोटो पोस्ट किए गए हैं। वे सार्वजनिक हैं, लेकिन एक अखबार में प्रकाशित कर दिया गया कि फोटो ‘फेक’ हैं। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि यह किस तरह की पत्रकारिता है। क्या किसी चीज को सनसनीखेज बनाना जरूरी है।उन्होंने विश्वविद्यालय से डिग्री लेकर निकलने वाले विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि वे देशहित को सर्वोपरि रखकर समाज और राष्ट्र के निर्माण में अपनी बेहतर भूमिका सुनिश्चित करें। वे भ्रष्टाचार मिटाने में भी अपनी भूमिका पत्रकार के तौर पर निभाएं। उन्होंने दोहराया कि समाज को मीडिया से काफी अपेक्षाएं हैं और पत्रकारों को यह बात समझना चाहिए।विश्वविद्यालय में उप राष्ट्रपति की उपस्थिति में विधिवत तरीके से चतुर्थ दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ।