फतेहपुर। जनपद न्यायालय में गुरूवार को हिंदी दिवस पर जनपद न्यायाधीश/जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष रणंजय कुमार वर्मा की अध्यक्षता में न्यायिक अधिकारियों व अधिवक्ताओं की उपस्थिति में विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया।गोष्ठी को संबोधित करते हुए जनपद न्यायाधीश ने हिंदी भाषा की महत्ता पर बल देते हुये कहा कि देश की आजादी के दो वर्ष बाद 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ। 14 सितंबर सन् 1953 को देश में पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया। देश भर में हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। यह दिन पूरे भारत वर्ष को जोडने वाली भाषा हिन्दी पर गर्व करने का दिन है। आज हिन्दी को पूरे विश्व में बेहद सम्मान दिया जाता है और यह हिंदी भाषा हम भारतीयों को एकरूपता के धागे में पिरोती है। भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के कई देशों में बोली जाती है और हिन्दी विश्व की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। यह दिन हिन्दी के सम्मान और उसे ज्यादा से ज्यादा प्रयोग किये जाने के लिए मनाया जाता है। उन्होने हिंदी भाषा के प्रयोग पर बल दिया। जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश वर्मा एवं अन्य अधिवक्ताओं ने हिन्दी भाषा के प्रयोग एवं महत्ता पर अपने विचार व्यक्त किये। संचालन सिविल जज सीडि एफटीसी महेन्द्र कुमार पासवान ने किया। जनपद न्यायाधीश ने सभी को कार्यक्रम में उपस्थित होने एवं सफल बनाये जाने के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर न्यायिक अधिकारियों में मो0 अहमद खाॅन, प्रमोद कुमार गंगवार, विनोद कुमार चैरसिया, विनय तिवारी, नित्या पाण्डेय, अविजीत भूषण, रोमा गुप्ता, महेन्द्र सिंह पासवान, अनुपम कुशवाहा, अंकिता सिंह, श्वेता, कमलेश श्रीवास्तव भी मौजूद रहे।
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