मुख्यमंत्री ने संचारी रोगों की स्थिति की समीक्षा की

लखनऊ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय अन्तर्विभागीय बैठक में प्रदेश में संचारी रोगों की स्थिति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रतिवर्ष अप्रैल, जुलाई व अक्टूबर माह में संचारी रोगों पर प्रभावी नियन्त्रण के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ प्रदेशव्यापी संचारी रोग नियन्यण अभियान संचालित होता है। आगामी अक्टूबर माह से इसका नवीन चरण प्रारम्भ होना है। इसमें सरकारी प्रयास के साथ-साथ जनसहभागिता भी महत्वपूर्ण है। हमारे सामने इंसेफेलाइटिस नियन्त्रण और कोविड प्रबन्धन के दो सफल मॉडल हैं, जो संचारी रोग नियन्यण अभियान में हमारे लिए उपयोगी होंगे। आज हर जनपद में डेंगू जांच की सुविधा है। आगामी 15 नवम्बर तक का समय संचारी रोगों की दृष्टि से संवेदनशील है।हाल के दिनों में गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर नगर, मेरठ, मुरादाबाद जनपद डेंगू से प्रभावित रहे हैं। जनपद बुलन्दशहर व सम्भल में डेंगू आउटब्रेक की स्थिति भी देखी गई। जबकि जनपद बरेली, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई बदायूं, पीलीभीत और सम्भल में मलेरिया का असर रहा है। इसी तरह जनपद प्रयागराज, कानपुर नगर, बाराबंकी, कुशीनगर, संत कबीरनगर, सहारनपुर व बस्ती में चिकुनगुनिया की दृष्टि से संवेदनशील हैं। इन जनपदों में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदों में इंसेफेलाइटिस से हजारों बच्चों की मौत होती थी। वर्ष 2017 में प्रदेश सरकार ने अन्तर्विभागीय समिति बनाकर जापानी इंसेफेलाइटिस के नियन्त्रण के लिए कार्य किए। सम्बन्धित सभी विभागों ने मिलकर कार्य किये। अस्पताल बनवाये, पीकू बनवाये, चिकित्सक तैनात किये। साथ-साथ पीने के साफ पानी और शौचालय की व्यवस्था भी कराई। नतीजा इस वर्ष 01 जनवरी से 07 सितम्बर तक प्रदेश में जापानी इंसेफेलाइटिस, चिकनगुनिया व मलेरिया से एक भी मृत्यु नहीं हुई है। 04 दशकों से कहर बनी बीमारी पर प्रदेश सरकार ने 05 वर्ष में नियंत्रण पा लिया। नियंत्रण के बाद अब हमारा अगला लक्ष्य उन्मूलन है।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कहीं भी हाॅटस्पाॅट की स्थिति न बनने पाए। यदि कहीं भी ऐसी स्थिति हो तो वहां सम्बन्धित नगर आयुक्तध्अधिशाषी अधिकारी स्वयं पहुंच कर निरीक्षण करें। अस्पतालों में दवाआंे की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए।