पार्षद का जन्मदिन मना आदर्शों पर चलने का दोहराया संकल्प

फतेहपुर। भारतीय दोसर वैश्य महासमिति के तत्वाधान में झंडा गीत रचयिता पदम् श्याम लाल गुप्त पार्षद जी का 128 वां जन्म दिवस पार्षद मूर्ति स्थल पार्षद चैक में मनाया गया। मूर्ति पर माल्यार्पण कर व मिष्ठान वितरण कर उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प दोहराया। साथ ही उनके द्वारा रचित झंडा गीत को पुनः पाठ्य पुस्तकों में सम्मिलित करने की मांग की गई। जिला कारागार में भी समिति ने कार्यक्रम आयोजित किया। बंदी महिलाओं व बच्चों को मिठाई, फल आदि वितरित किए। महासमिति के जिलाध्यक्ष नारायण बाबू के नेतृत्व में पार्षद जी की मूर्ति पर तिलक लगाकर माल्यार्पण किया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि पार्षद जी का जन्म कानपुर जनपद स्थित नरवल ग्राम में नौ सितंबर 1896 में एक सामान्य परिवार में हुआ था। मिडिल शिक्षा प्रथम श्रेणी एवं विशारद की डिग्री हासिल करने के उपरान्त अपना संपूर्ण जीवन देश की आजादी में समर्पित कर दिया था। फतेहपुर जनपद को अपनी कर्म भूमि बनाकर यहीं से स्वतंत्रता आंदोलन में अपना योगदान दिया। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद कुमार गुप्त ने कहा कि शिक्षक पद से त्याग पत्र देकर कांग्रेस की सदस्यता लेकर स्वतंत्रता आंदोलन में कार्य किया। जनपद फतेहपुर में 19 वर्षों तक कांग्रेस कमेटी के लगातार अध्यक्ष भी रहे। अनेक जेल यात्राएं की। दस वर्ष फरारी में रहते हुए स्वतंत्रता आंदोलन में कार्य किया। जिला कारागार के बैरक नं. नौ में रहते हुए सर्व साधारण में स्वतंत्रता के प्रति उमंग भरते हुए झंडा गीत की रचना की। संरक्षक गिरधारीलाल गुप्त ने कहा कि पार्षद जी ने वृत लिया कि जब तक देश स्वतंत्र नहीं हो जाता वह नंगे पैर रहेंगे। संचालन कर रहे महामंत्री साजन गुप्त ने भी पार्षद जी का जीवन वृतांत प्रस्तुत किया। जिला कारागार में भी महासमिति ने अधीक्षक मो. अकरम खान के सानिध्य में पार्षद जी के तैलीय चित्र पर माल्यार्पण किया। बंदी महिलाओं व बच्चों को फल, मिष्ठान वितरित करते किए। पार्षद चैक में रात्रि को कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया। जो देर रात तक चला। इस मौके पर सुनील गुप्त, जय गोपाल गुप्त, संजय गुप्त, सुनीता गुप्त, नरेंद्र गुप्त, आनंद गुप्त, अजय गुप्त, अशोक गुप्त, रज्जन गुप्त, मुकेश गुप्त, अरूण जायसवाल एडवोकेट, शैलेंद्र शरन सिंपल, नारायण, कविता रस्तोगी, संजय गुप्त, पवन गुप्त, रामस्वरूप गुप्त भी मौजूद रहे।