नयी दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि दिल्ली में चल रहे जी-20 के सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि चमकाने के लिए असलियत पर पर्दा डालने का काम हुआ है और इसके लिए हजारों झुग्गी वालों को बेघर किया गया है।कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने शनिवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि जी20 का उद्देश्य सकारात्मक पहल के लिए विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का एक मंच पर आना है। इसका उद्देश्य वैश्विक समस्याओं से सहयोगात्मक ढंग से निपटना है।उन्होंने कहा कि सरकार का जोर सिर्फ इस बात पर है कि किसी भी तरह से प्रधानमंत्री की छवि को चमकाने में कोई कमी नहीं रह जाए। दिल्ली के लोगों की असलियत जी-20 सम्मेलन में नजर नहीं आए इसके लिए झुग्गियों को या तो ढक दिया गया है या ध्वस्त कर दिया गया है। सरकार की इस कार्रवाई से दिल्ली के हज़ारों लोग बेघर हो गए और उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह काम सिर्फ़ प्रधानमंत्री की छवि को चमकाने के लिए किया गया है। इसी तरह से दिल्ली की सड़कों पर आवारा पशुओं को हटाने के लिए उनके साथ बेरहमी की गई है। उन्हें पकड़ते समय उनके साथ बेरहमी और दुर्व्यवहार किया गया है। जी-20 का नारा ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ है लेकिन श्री मोदी असल में ‘एक व्यक्ति, एक सरकार, एक पूंजीपति’ के सिद्धांत पर विश्वास करते हैं।कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि श्री मोदी सिर्फ उपदेश देने पर विश्वास करते हैं। उनका कहना था कि पहले जी-20 शिखर सम्मेलनों में भ्रष्टाचार और मनी-लॉन्ड्रिंग पर लगाम लगाने के लिए श्री मोदी अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उपदेश देते रहते है। उन्होंने नवंबर 2014 के ब्रिस्बेन जी 20 शिखर सम्मेलन में ‘आर्थिक अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाहों को ख़त्म करने’, ‘मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल लोगों पर नजर रख्रने और बिना शर्त प्रत्यर्पण के लिए वैश्विक सहयोग का आह्वान किया था। उनकी भ्रष्टों और उनके कार्यों को छिपाने में सहायक ‘अंतरराष्ट्रीय नियमों और जटिलताओं के जाल को तोड़ने’ की भी अपील थी। इसी तरह से 2018 के सम्मेलन में उन्होंने ‘भगोड़े आर्थिक अपराधियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई और संपत्ति की वसूली के लिए’ नौ सूत्री एजेंडा प्रस्तुत किया था।उन्होंने कहा कि श्री मोदी जैसा उपदेश देते हैं उनके काम वैसे नजर नहीं आते इसलिए उपदेश पूरी तरह से हास्यास्पद लगते हैं। उनका कहना था कि उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराधों में उनकी मिलीभगत गंभीर रूप से सबके सामने है। उन्होंने बंदरगाह, हवाई अड्डे, बिजली और सड़क जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने क़रीबी मित्र अडानी के एकाधिकार में मदद की है। सेबी, सीबीआई, ईडी, राजस्व खुफिया निदेशालय जैसी विभिन्न एजेंसियों ने अडानी के ग़लत कार्यों की सभी जांच को भी सुनियोजित ढंग से बंद कर दिया है।
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