बाँदा।नरैनी ब्लाक के पड़मई गाँव में वनांगना संस्था द्वारा तरंग मेरे सपने मेरी उड़ान कार्यक्रम के तहत साक्षरता दिवस मनाया गया।सवाल-जवाब प्रतियोगिता कराकर किशोरियों व युवतियों के बौद्धिक स्तर को बढ़ाने का प्रयास किया गया।शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में फील्ड कोआर्डिनेअर नत्थू पटेल द्वारा कराई गई प्रतियोगिता में नोटबंदी से लेकर लॉकडाउन तक जीवन में हुए असर पर चर्चा की गई। साथ ही जिले के थानों व तहसील की संख्या भी पूछी गई।जिला अधिकारी का नाम,राष्टपति, मुख्यमंत्री, राजयपाल के नाम पूछे व बताए गए।संस्था वरिष्ठ संदर्भ समूह शबीना मुमताज़ ने बताया कि साक्षरता दिवस 1967 में पहली बार यूनेस्को देश में मनाया गया था। साक्षरता का मतलब देश के हर नागरिक का शिक्षित होना है।जिस देश के नागरिक जितने पढ़े लिखे होंगे।उस नागरिक का भविष्य उज्जवल होगा।वह देश प्रगति के रास्ते में जाएगा। इस साल की थीम परिवर्तनशील दुनिया में साक्षरता को बढ़ावा देना,स्थाई और शंतिपूर्ण समाज की नीव का निर्माण करना है।कार्यक्रम में गाँव की छात्रा कंचन, नीतू व रोशनी को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया।जिन्होंने विषम परिस्थितियों में भी पढ़ाई को जारी रखकर स्नातक की डिग्री ली।अभिभावकों ने भी अपने अनुभव को साझा किया कि उन्हें अपनी बेटियों को अकेले भेजने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा।अंत में शबीना मुमताज ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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