एक टीचर की स्ट्रगल स्टोरी कैसे बनी कलेक्टर……?

बहराइच। खबर की शुरुआत इन पंक्तियों के साथ…. ’मेरे हाथों की लकीरों के इजाफे हैं गवाह, मैंने पत्थर की तरह खुद को तराशा है बहुत…! जी हां किसी शायर की यह टचिंग लाइनें बहराइच की जिलाधीश आईएएस मोनिका रानी के कड़े संघर्षों से बहुत मेल खाती है। ‘‘कौन कहता है कामयाबी किस्मत तय करती है, इरादों में दम हो तो मंजिले भी झुका करती है‘‘’ जिसका एक उदाहरण बहराइच की डीएम स्वयं मोनिका रानी हैं जो हरियाणा की रहने वाली हैं और लाखों युवाओं व आधी आबादी की प्रेंरणादाई कहानी हैं। शिक्षक दिवस पर बहराइच की जिलाधिकारी मोनिका रानी ने जहां शिक्षकों का आदर सम्मान किया वहीं उन्होंने अपने बीते दिनों की यादें ताजा कर अपने अध्यापकों को भी नमन किया। शिक्षक दिवस पर आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम में शिक्षकों की भारी संख्या देख कर बहराइच की जिलाधिकारी मोनिका रानी काफी खुश नजर आई और उन्होंने अपने बीते हुए कल की कहानी अपनी जुबानी सुनाई और कहा कि माहौल को देख पुरानी याद ताजा हो गयी। आपको बता दें कि बहराइच की जिलाधिकारी मोनिका रानी कलेक्टर बनने से पहले दिल्ली के एक स्कूल में अध्यापिका का काम करती थीं जो कि मूलरूप से हरियाणा के गुडगांव की निवासी हैं। डीएम मोनिका रानी ने शिक्षक दिवस पर कहा कि आज तो पुराने दिन याद आ गए। आईएएस मोनिका रानी ने बताया कि उन्होंने 06 साल तक दिल्ली के सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने का काम किया है। मोनिका रानी ने बताया कि वह गुड़गांव के एक ग्रामीण इलाके से वह रोजाना दिल्ली के संगम विहार इलाके तक सफर करके स्कूल जाती थीं। जिसके लिये वह सुबह 04 बजे उठ जाती थी और फिर 07 बजे तक स्कूल में अपनी डयूटी पर राईट टाईम पहुंच जाती थीं। चूंकि 07 बजे तक स्कूल में नियत समय पर पहुचना उनका रूटीन था जो रूटीन मोनिका रानी की आदत में आज भी शुमार है। आज कलेक्टर बनने के बाद भी मोनिका रानी ने अपना रूटीन नहीं बदला जिसका नतीजा यह रहा कि आज भी मोनिका रानी सुबह 04 से 05 बजे के बीच बिस्तर छोड़ देती हैं। डीएम मोनिका रानी ने अपने जीवन का अलार्म सिस्टम उन्ही संघर्षो के दिनों को बना लिया है यही कारण है जो बहराइच जिलाधिकारी के रूप में भी वह समय की बहुत पंचुवल हैं। शिक्षक दिवस पर बोलते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि आज मैं जो भी कुछ हूँ सब अपने अध्यापकों की बदौलत हूँ, जिन्होंने हमको पढ़ाया, मैं उन सभी शिक्षकों का आभार प्रगट करती हूं एवं नमन करती हूं। इसके आगे कहा कि हमारे यहाँ बहुत विभाग हैं, कोई सड़क बना रहा है, कोई पुल बना रहा है, चाहे सड़क बनाओ टूटेगी जरूर, पुल बनाओ क्षतिग्रस्त होगा जरूर, आप कुछ भी बना लीजिए वह क्षतिग्रस्त जरूर होगा, एक शिक्षक ही ऐसी चीज है जो किसी बच्चे को अगर अच्छा बना देता है तो वो कभी क्षतिग्रस्त नहीं होता है. आपके जैसा विभाग कोई भी नही है। शिक्षक दिवस पर कलेक्ट्रेट सभागार में उपस्थित सभी शिक्षकों से अपील करते हुए डीएम मोनिका रानी ने कहा कि ऐसे बच्चे बनाइए जो कि आपका नाम रौशन करें। बच्चे नाम रोशन करें या न करें लेकिन जिनको आपने पढ़ाया है वह आपका नाम जरूर रौशन करेंगे। कुछ इस तरह बहराइच में तैनात 2010 बैच की महिला कलेक्टर मोनिका रानी ने शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को मार्मिक संदेश दिया। इस दौरान मौके पर जिले की मुख्य विकास अधिकारी कविता मीणा, बेसिक शिक्षा अधिकारी अव्यक्त राम तिवारी, नानपारा विधायक राम निवास वर्मा व विधान परिषद सदस्य प्रज्ञा त्रिपाठी सहित तमाम आला अधिकारी मौजूद रहे।