सियोल। उत्तर कोरिया ने एक नवनिर्मित सामरिक परमाणु हमला पनडुब्बी लांच की है, जो पानी के भीतर परमाणु हमला करने में सक्षम है। राष्ट्रपति किम जोंग-उन ने उत्तर कोरिया के परमाणु निरोध को और मजबूत करने का संकल्प लिया। यह जानकारी मीडिया ने दी। मीडिया के अनुसार, पनडुब्बी के लॉन्चिंग समारोह में उत्तर कोरियाई नेता ने भाग लिया।रिपोर्ट्स के मुताबिक सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी (डब्ल्यूपीके) का जिक्र कर कहा, पनडुब्बी-प्रक्षेपण समारोह ने उत्तर कोरिया की नौसैनिक शक्ति को मजबूत करने के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत की और राज्य परमाणु निरोध को और मजबूत करने के लिए डब्ल्यूपीके और उत्तर कोरिया सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति को स्पष्ट कर दिया। हीरो किम कुन ओके नाम की सामरिक परमाणु हमला पनडुब्बी नंबर 841 पानी के भीतर आक्रामक साधनों में से एक के रूप में अपने लड़ाकू मिशन को अंजाम देगी।किम ने कहा, यह तथ्य कि परमाणु हमला पनडुब्बी, जिसे दशकों से हमारे गणतंत्र के खिलाफ आक्रमण का प्रतीक माना जाता था, अब हमारी शक्ति का प्रतीक है, जो दुश्मनों को भयभीत करती है और यह दुनिया द्वारा अनदेखी हमारी अपनी शैली की एक नई पनडुब्बी है। उन्होंने संकेत दिया कि नवीनतम कदम का उद्देश्य अमेरिकी परमाणु-संचालित पनडुब्बियों का मुकाबला करना है। नौसेना को परमाणु हथियारों से लैस करने को समय की जरूरत बताकर किम ने नौसेना में तेजी से बदलाव का आग्रह किया। उन्होंने परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी सहित अधिक पनडुब्बियां बनाने की देश की योजना की भी घोषणा की। किम ने इस बात पर जोर दिया कि भू-राजनीतिक स्थिति के साथ-साथ दुश्मनों के हालिया आक्रामक प्रयासों को देखकर नौसेना बल का तेजी से विकास राष्ट्रीय रक्षा के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।सरकारी मीडिया द्वारा जारी प्रारंभिक तस्वीरों से पता चलता है कि नवीनतम पनडुब्बी 10 मिसाइल ट्यूबों से सुसज्जित है, जो संभवतः पनडुब्बी से प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइलों (एसएलबीएम) को दाग सकती है, हालांकि उत्तर कोरिया ने कोई विवरण नहीं दिया है। एक सैन्य सूत्र ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तर कोरिया ने रोमियो श्रेणी की पनडुब्बी को संशोधित किया है, जो एसएलबीएम लांचर ले जाने में सक्षम नहीं है।ऐसा माना जाता है कि यह पनडुब्बी उत्तर कोरिया के पहले परमाणु-सशस्त्र मानवरहित पानी के नीचे वाहन हेइल को लांच करने में भी सक्षम है, जिसका पिछले मार्च में अनावरण किया गया था। यह समारोह तब हो रहा है जब उत्तर कोरिया सियोल, वाशिंगटन और टोक्यो के बीच बढ़ते त्रिपक्षीय सुरक्षा सहयोग के मद्देनजर रूस और चीन के साथ अपने सैन्य सहयोग को बढ़ा रहा है।
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