वाराणसी। परियोजना प्रबन्धक, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई, उ०प्र० जल निगम (नगरीय/ग्रामीण) ने बताया कि वाराणसी शहर में वर्तमान में कुल 07 नग सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट अधिष्ठापित है, जिनकी कुल क्षमता 420 एम०एल०डी० है। जिनसे 324 एम०एल०डी० सीवेज का शोधन हो रहा है।उन्होंने बताया कि वर्तमान में अस्सी नदी से लगभग एमएलएडी एवं नक्खा नाला माध्यम से लगभग 05 एमएलडी अशोधित सीवेज प्रवाहित हो रहा है, जिसकी रोकथाम हेतु 55 एमएलडी क्षमता के एस०टी०पी० के निर्माण की स्वीकृति एनएमसीजी, नई दिल्ली द्वारा प्रदान कर दी गयी हैं तथा निविदा प्रक्रिया में है। नगर निगम सीमा विस्तार के उपरान्त सम्मिलित सूजाबाद में सूजाबाद नाला से लगभग 4.5 एम०एल०डी० सीवेज प्रवाहित हो रहा है। जिसके शोधन हेतु एस०टी०पी० बनाने का प्रस्ताव अमृत 2.0 पोर्टल के माध्यम से स्वीकृति हेतु जमा किया जा चुका है। इसी प्रकार नगर निगम सीमा विस्तार होने माध्यम से लगभग 37 एम०एल०डी० सीवेज वरूणा नदी में एमएलडी क्षमता के एस०टी०पी० निर्माण का प्रस्ताव नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत एन०एम०सी०जी०, नई दिल्ली को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है। वरुणा नदी के नालों के टैपिंग का कार्य सिंचाई विभाग द्वारा कराया गया है, जो विगत 02-03 वर्षो से बाढ के कारण सिल्टेड हो जाने के कारण समुचित रूप से कियाशील नही है, जिसके सुदृढीकरण हेतु डी०पी०आर० उ०प्र० जल निगम (ग्रामीण) द्वारा तैयार कराया जा रहा है। उपरोक्त प्रस्तावित योजनाओं के पूर्ण होने के उपरान्त वरूणा एवं गंगा नदी में प्रवाहित होने वाले अशोधित सीवेज की रोकथाम हो सकेगी। उन्होंने बताया कि एनजीटी वर्तमान समय तक कोई नोटिस प्राप्त नही हुआ है।
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