मिलावटखोरों के विरुद्ध होगी सख्त कार्रवाई, डीएम ने अभियान चलाने के संबन्ध में दिए आवश्यक निर्देश

देवरिया।जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह की अध्यक्षता में देर सायं खाद्य एवं औषधि प्रसाधन विभाग, आपूर्ति विभाग एवं विपणन विभाग के मासिक कार्यों की समीक्षा की। डीएम ने आगामी त्योहारी सीजन के दृष्टिगत मिठाई, दुग्ध उत्पाद एवं खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए विशेष प्रवर्तन अभियान चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थो में होने वाली मिलावट से जन स्वास्थ्य को गंभीर खतरा बना रहता है। जनजागरूकता अभियान के तहत लोगों को खाद्य पदार्थों में होने वाली मिलावट की पहचान स्वयं करने में सक्षम बनाया जाए, जिससे वे इसके दुष्प्रभाव से सुरक्षित रह सकें। साथ ही डीएम ने मिलावटखोरों को भी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।जिलाधिकारी ने कहा कि कुछ मिलावटखोर दूध में मेलामाइन, फ़ार्मेल्डिहाइड तथा यूरिया की मिलावट करते हैं, जिससे किडनी, लीवर और हृदय से जुड़ी बीमारी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि दुग्ध पदार्थ से बने उत्पाद में मिलावट रोकने के लिए विभाग को विशेष पहल करने की आवश्यकता है। आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए अभी से उपभोक्ताओं को शुद्ध उत्पाद मिले यह खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग को सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने विभाग को जन-जागरूकता के जरिए उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने पर बल दिया, जिससे उपभोक्ता दुग्ध उत्पाद खरीदते समय स्वयं ही उसकी शुद्धता की परख कर ले। इस कार्य में प्रशासन के साथ-साथ गैर सरकारी संस्थाओं को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। दुग्ध उत्पादन में प्रयोग होने वाले ऑक्सीटॉसिन इंजेक्शन के प्रयोग के प्रतिबंध को अत्यंत कड़ाई से लागू करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ऑक्सीटॉसिन और इसके जैसे अन्य वैकल्पिक दवा के प्रयोग से मानव स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है और लोग कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं।जिलाधिकारी ने विभिन्न रेस्टोरेंट, नमकीन निर्माण केंद्र एवं ठेले-खोमचे पर बिकने वाले फ़ास्ट फ़ूड में प्रयुक्त होने वाले खाद्य तेल की गुणवत्ता की जांच करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रायः एक ही तेल का प्रयोग लंबे समय तक करने से उसका टीपीए 25 से कम हो जाता है और उसमें कैंसर कारक कोर्सिजन तत्व आ जाते हैं।जिलाधिकारी ने सभी मेडिकल स्टोर पर जेनरिक दवाओं के सब्स्ट्रैट की सूची लगाने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस फार्मासिस्ट के नाम मेडिकल स्टोर का लाइसेंस है वही मेडिकल स्टोर पर बैठे, यह सुनिश्चित किया जाए।जिलाधिकारी ने आगामी धान क्रय सीजन के दृष्टिगत क्रय केंद्रों की टैगिंग एवं किसानों के सत्यापन के संबन्ध में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने केले के तने से बोरा बनाने की संभावना तलाशने के संबन्ध में भी आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में जिला विकास अधिकारी रविशंकर राय, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विनय कुमार सहाय, डीएसओ संजय पांडेय, ड्रग इंस्पेक्टर रुद्रेश त्रिपाठी सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।