महिलाओं ने रखा पुत्रों की कामना को लेकर सावन पुत्रदा एकादशी निराहार व्रत

ज्ञानपुर, भदोही।परिवार में सुख-समृद्धि और बेटों के दीर्घायु की कामना को लेकर रविवार को जिलेभर में महिलाओं ने गणेश चतुर्थी का व्रत रखा। इस दौरान पुरोहितों से कथा सुन कर पुत्र की सलामती की कामना की गई। वहीं शाम को स्नान के बाद नए वस्त्र धारण कर व्रती महिलाओं ने विधिविधान से भगवान गणेश का पूजन कर चंद्रमा को अर्घ्य दिया।शाम को स्नान करने के बाद नए वस्त्र धारण कर भगवान गणेश की प्रतिमा के समक्ष फूल-माला, फल-फूल, मिष्ठान आदि चढ़ाकर पुरोहित से कथा श्रवण किया। इसके बाद चंद्रमा के निकलने पर अर्घ्य लिया तथा पुत्र के दीर्घायु की कामना की। तत्पश्चात अपने से बड़ों का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। गणेश चतुर्थी पर पूजा अर्चन के लिए मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ी। मंदिरों में सुबह से ही महिलाएं दर्शन के लिए पहुंचने लगी थी। रात्रि नौ बजे के बाद चंद्रोदय होते ही दिनभर व्रत रखने वाली महिलाओं ने छत पर पहुंचकर उन्हें अर्घ्य दिया। मान्यता के अनुसार सुख समृद्धि और पुत्र की दीर्घायु के लिए महिलाएं यह व्रत रखती हैं। इसमें निराहार रहकर रात्रि में चंद्रोदय होने पर गणेश भगवान और चंद्रमा की पूजा कर फलाहार कर अपना व्रत खोला जाता है। कांवल के पं0 देवमणि मिश्रा ने बताया कि ऐसा करने से घर में सुख और समृद्धि के साथ भगवान विघ्नविनाशक की कृपा बरसती है। मान्यता है कि चंद्रोदय काल में भगवान गणेश महराज और तिथि के लिए तीन-तीन अर्घ्य और चंद्रमा के लिए सात अर्घ्य देना चाहिए। दूसरे दिन यानी पंचमी तिथि पर भी तिल का दान करके तिल मिश्रित पदार्थ का भोजन करने से मनुष्य हमेशा सुखी रहता है। वहीं इस व्रत को रखने वाली महिलाओं के संतान की उम्र में वृद्धि होती है। चतुर्थी व्रत के चलते सोमवार को गणेश मंदिर में महिलाओं ने पूजन-अर्चन किया। भदोही, गोपीगंज, सुरियावां, जंगीगंज, सीतामढ़ी, चौरी, औराई, महाराजगंज आदि समेत जिले भर के मंदिरों में महिला श्रद्धालुओं की भीड़ रही।