नई दिल्ली। उच्च नेटवर्थ वाले लोगों के बढ़ने और उनकी परंपरागत निवेश उत्पादों से आगे अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने की जरूरत से जून आखिरी तक पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं के प्रबंधन के तहत संपत्तियां (एयूएम) सालाना आधार पर 15 प्रतिशत बढ़कर 28.5 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले तीन से पांच साल के दौरान यह उद्योग 20 से 25 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। इसके अलावा पीएमएस (पोर्टफोलियो प्रबंधन योजना) सेवाओं की अनुकूलित प्रकृति और एक विकसित नियामकीय परिवेश ने भरोसे और नवोन्मेषण को बढ़ावा दिया है जिससे उद्योग की वृद्धि में मदद मिली है। सिर्फ उद्योग की संपत्ति का आधार ही नहीं बढ़ा है, बल्कि इसके ग्राहक भी बढ़े हैं। उद्योग के आंकड़ों से पता चलता है कि जून तक देश में पीएमएस ग्राहक बढ़कर 2.8 लाख हो गए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत की वृद्धि है। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि देश में पीएमएस ग्राहकों के निवेश का औसत आकार अच्छा-खासा यानी 10 करोड़ रुपए है, जो दर्शाता है कि निवेशक पीएमएस पर भरोसा करते हैं और इसमें पूंजी लगा रहे हैं।
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