मुख्यमंत्री ने ‘सेफ सिटी परियोजना’ की प्रगति की समीक्षा की

लखनऊ।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में ‘सेफ सिटी परियोजना’ की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने ‘सेफ सिटी परियोजना’ की सफलता में जनसहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, चैक-चैराहों, सरकारी व निजी अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य रूप से सी0सी0टी0वी0 लगाए जाएं। आमजन, व्यापारियों, संस्थान संचालकों को जागरूक कर उन्हें क्राइम कंट्रोल में सी0सी0टी0वी0 के महत्व के बारे में बताया जाए और उन्हें सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाने के लिए प्रेरित किया जाए।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोग अपनी सुविधानुसार अपने सी0सी0टी0वी0 कैमरे की फुटेज का डेटा अपने पास ही सुरक्षित रख सकते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आवश्यकता पड़ने पर फुटेज केवल पुलिस को ही उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त, जहां आवश्यकता हो, वहां नगर निगम, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट अथवा स्थानीय प्रशासन व पुलिस द्वारा सी0सी0टी0वी0 लगाए जाएं।मुख्यमंत्री ने सभी पुलिस थानों को अगले 01 सप्ताह के भीतर सी0सी0टी0वी0 से लैस करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन सुनिश्चित करने के संकल्प की पूर्ति में ‘सेफ सिटी परियोजना’ अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हो रही है। प्रदेश में इस परियोजना के माध्यम से लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत मॉडर्न कन्ट्रोल रूम, पिंक पुलिस बूथ, आशा ज्योति केंद्र, सी0सी0टी0वी0 कैमरे, महिला थानों में परामर्शदाताओं के लिए हेल्प डेस्क, बसों में पैनिक बटन व अन्य सुरक्षा उपायों को लागू करने में सहायता मिली है। अब हमें इसे और विस्तार देना होगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतर्विभागीय समन्वय के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तीय प्रबन्धन करते हुए प्रथम चरण में सभी 17 नगर निगमों और गौतमबुद्ध नगर को ‘सेफ सिटी’ के रूप में विकसित किया जाना है। जबकि दूसरे चरण में 57 जनपद मुख्यालयों की नगर पालिकाओं और फिर तीसरे चरण में 143 नगर पालिकाओं को सेफ सिटी परियोजना से जोड़ा जाए। ऐसे सभी नगरों के प्रवेश द्वार पर ‘सेफ सिटी’ का बोर्ड लगा कर इसकी विशिष्ट ब्राण्डिंग भी की जानी चाहिए। इस प्रकार, उत्तर प्रदेश सर्वाधिक सेफ सिटी वाला देश का पहला राज्य हो सकेगा।