जयपुर। खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) ने संभावित व्यापार समझौते पर चर्चा के लिए बातचीत की मेज पर जल्दी वापस आने की इच्छा व्यक्त की है, उक्त बात वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कही है। पिछले साल दोनों क्षेत्र एफटीए को आगे बढ़ाने और वार्ता फिर से शुरू करने पर सहमत हुए थे। जीसीसी खाड़ी क्षेत्र के छह देशों- सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत, ओमान और बहरीन का एक संघ है। परिषद भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक गुट है। गोयल ने कहा कि हमारे पास जीसीसी देशों से बड़े निवेश आ रहे हैं। यूएई के साथ हमारा पहले से ही एक एफटीए है। सऊदी अरब के नेतृत्व वाले जीसीसी देशों ने उनके साथ संभावित समझौतों पर चर्चा करने के लिए जल्दी से बातचीत की मेज पर वापस आने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कई जीसीसी सदस्य देशों ने द्विपक्षीय समझौते के अनुरोध के साथ व्यक्तिगत रूप से भी भारत से संपर्क किया है। मंत्री यहां जी-20 की व्यापार और निवेश पर मंत्रिस्तरीय बैठक के लिए आए हैं। आर्थिक क्षेत्रों में, जीसीसी आयात का शीर्ष स्रोत है। सत्र 2022-23 में जीसीसी देशों से आयात 133 अरब डॉलर था, जो सालाना आधार पर 20.3 प्रतिशत अधिक था, जबकि निर्यात 16.7 प्रतिशत अधिक 51.3 अरब डॉलर था। जीसीसी सदस्य देशों को भारत का निर्यात 2021-22 में 58.26 प्रतिशत बढ़कर लगभग 44 अरब डॉलर हो गया, जो 2020-21 में 27.8 अरब डॉलर था। दोनों पक्षों ने 2006 और 2008 में व्यापार समझौते के लिए बातचीत की लेकिन उसके बाद अज्ञात कारणों से बातचीत रुक गई। खाड़ी देशों में भारतीय आबादी बड़ी संख्या में है। लगभग 3.2 करोड़ प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) में से लगभग आधे खाड़ी देशों में काम करते हैं।
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