‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के अंतर्गत गुजरात के 21 रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय स्टेशनों में रूपांतरण’

मुंबई।भारतीय रेल ने गुजरात की प्रगति और सामाजिक-आर्थिक विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया है। यह गुजरात की उद्योगी भावना को गति प्रदान कर रहा है और राज्य के विकास इंजन को ईंधन दे रहा है। ऐसे विकासात्मक और बुनियादी ढांचे के कार्यों को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में गुजरात राज्य के लिए 8332 करोड़ रुपये का बजट परिव्यय आवंटित किया गया है, जो वर्ष 2009 से 2014 के बीच आवंटित औसत बजट परिव्‍यय से 1315% अधिक है।रेलवे स्टेशनों को न केवल सेवा के साधन के रूप में बल्कि एक असेट के रूप में विकसित करने के माननीय प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, भारतीय रेल ने आधुनिक सुविधाओं के साथ रेलवे स्टेशनों के विकास को अत्यधिक महत्व दिया है, ताकि एक आम रेल यात्री भी एक आरामदायक, सुविधाजनक और आनंददायक रेल यात्रा का अनुभव कर सके। रेलवे स्टेशनों के कायाकल्‍प के अपने इस प्रयास के अंतर्गत भारतीय रेल ने “अमृत भारत स्टेशन’ योजना की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों को लगातार विकसित करना, उनके बुनियादी ढांचे, सुविधाओं और सेवाओं को उन्‍नत बनाना है, जिससे यात्रियों को सुखद एवं आरामदायक यात्रा का अनुभव मिल सकेगा।भारत सरकार द्वारा शुरू की गई अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत देशभर के 1309 रेलवे स्टेशनों को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ पुनर्विकसित किया जा रहा है। इनमें से 120 स्टेशन पश्चिम रेलवे के क्षेत्राधिकार में आते हैं, जिनमें से 87 स्टेशन गुजरात, 16 स्टेशन महाराष्ट्र, 15 स्टेशन मध्य प्रदेश और 2 स्टेशन राजस्थान राज्‍य के शामिल हैं।हाल ही में 6 अगस्त, 2023 को माननीय प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने देश भर में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। इनमें से 21 स्टेशन गुजरात राज्य में हैं, जिन्हें लगभग 846 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्विकसित एवं अप्रग्रेड किया जा रहा है। इन स्टेशनों की सूची इस प्रकार है:  मुंबई सेंट्रल मंडल: संजान §  वडोदरा मंडल: भरूच, मियागाम करजन, विश्वामित्री, डभोई, डेरोल और प्रतापनगर §  अहमदाबाद डल: विरमगाम, असारवा, पालनपुर, कलोल जं.,  न्यू भुज, भचाउ, पाटन,हिम्‍मतनगर और ध्रांगध्रा §  भावनगर मंडल: सावरकुंडला, बोटाद जं. एवं केशोद §  राजकोट मंडल: सुरेन्‍द्रनगर एवं भक्तिनगर अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत शहर के दोनों किनारों के उचित एकीकरण के साथ इन स्टेशनों को ‘सिटी सेंटर’ के रूप में विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं। भारतीय विविधता की भव्यता को प्रदर्शित करते हुए ये पुनर्विकसित स्टेशन नई अत्याधुनिक यात्री सुख-सुविधाओं के साथ-साथ मौजूदा सुविधाओं के अपग्रेडेशन और प्रतिस्थापन से सुसज्जित होंगे। स्टेशन भवनों का डिज़ाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होगा। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत अच्छी तरह से डिज़ाइन किए गए यातायात परिसंचरण को सुनिश्चित करने के साथ-साथ आधुनिक यात्री सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसमें अवांछित संरचनाओं को हटाकर स्‍टेशन तक पहुँचना आसान बनाया जाएगा तथा बेहतर प्रकाश व्यवस्था, बेहतर सर्कुलेटिंग एरिया, एयर कॉनकोर्स, वेटिंग रूम, एक्जीक्यूटिव लाउंज, फूड कोर्ट, उन्नत पार्किंग स्थान, दिव्यांगजन और वरिष्ठ नागरिक अनुकूल सुविधाएं, सभी के लिए समावेशन और पहुंच, हरित ऊर्जा के उपयोग से पर्यावरण अनुकूल भवन आदि शामिल होगी। ये स्टेशन सार्वजनिक परिवहन के अन्य साधनों के साथ मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी की भी सुविधा प्रदान करेंगे।ये नए अत्याधुनिक स्टेशन भवन यात्रियों की यात्रा को और अधिक सुविधाजनक और आरामदायक बनाएंगे। एयरपोर्ट की तरह बने यह स्‍टेशन शहर के लिए एक आकर्षण का केन्‍द्र होंगे और तीर्थयात्रियों तथा पर्यटकों के लिए बहुत सुविधाजनक होंगे, जिससे राज्‍य के पर्यटन उद्योग को प्रोत्‍साहन मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।