प्रयागराज।मण्डल रेल प्रबंधक प्रयागराज की प्रेरणा एवं कुशल मार्ग निर्देशन में प्रयागराज मण्डल के मण्डल सभागार में 26 जून 23 से समय प्रातः 6 बजे से 7.15 बजे तक नियमित रूप से योग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसी तारतम्य में दिनांकः 19.08.2023 (शनिवार) एवं दिनांक 20.08.2023 (रविवार) को रनिंग कर्मचारियों हेतु आयोजित दो दिवसीय विशेष योग प्रशिक्षण शिविर में भारतीय योग संस्थान, प्रयागराज (शहर दक्षिणी) के क्षेत्रीय प्रधान राजन श्रीवास्तव एवं क्षेत्रीय मंत्री हंस कुमार राय एवं वरि साधक गौतमशील के सानिध्य एवं कुशल नेतृत्व में प्रयागराज मण्डल के अपर मण्डल रेल प्रबंधक / परिचालन अजय कुमार राय, वरि मण्डल कार्मिक अधिकारी मनीष कुमार खरे, वरिष्ठ मण्डल बिजली इंजीनियर / परिचालन प्रदीप शर्मा एवं सहायक बिजली इंजीनियर / परिचालन- रितेश ललवानी, मुख्य के नियंत्रक वासुदेव पाण्डेय के सहयोग एवं कुशल निर्देशन में सैकड़ों की संख्या में उपस्थित लोको पायलट एवं उनके परिवार के सदस्यों एवं मण्डल सभागार योग साधना के नियमित साधको ने योग शिविर में भाग लेकर योग संबंधी सामान्य परिचय / प्रार्थना / सूक्ष्म क्रियाएँ / आसन / प्राणायाम / ध्यान / संकल्प / प्रार्थना एवं शांति पाठ इत्यादि का निशुल्क लाभ उठाया एवं लाभान्वित हुए। जिसमें भारतीय योग संस्थान के उक्त पदाधिकारियों एवं रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने योग में संबंध में अपने अपने बहुमूल्य अनुभवों को साझा किया तथा सभी कर्मचारियों को नित्यप्रति योग करने और दूसरों को योग करने हेतु प्रेरित करने का सुझाव दिया।भारतीय योग संस्थान के पदाधिकारी हंस कुमार राय ने योग संबंधी सूक्ष्म जानकारी एवं दैनिक जीवन में योग के महत्व एवं लाभ के बारे में सभी को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि योग केवल व्यायाम नहीं अपितु जीवन जीने की कला है, जिससे मनुष्य का सामाजिक / आर्थिक / राजनैतिक / मनोवैज्ञानिक / सांस्कृतिक / आध्यात्मिक उन्नति एवं सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होने से संपूर्ण समाज एवं विश्व का कल्याण संभव होता है । योग ही एकमात्र ऐसा उपाय है जिसके माध्यम से विश्व वसुधैव कुटुंबकम के आदर्श को साकार किया जाता है। योग से सभी प्रकार की भेदभाव को मिटाकर संपूर्ण विश्व को एक करने की अद्भुत क्षमता है। योग शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा को जोडने की अद्भुत कला है। सच्चा आनंद हमारे शरीर, मन और बुद्धि की स्वस्थतता पर निर्भर करता है। हमारे तपस्वी ऋषियों / मुनियों ने अपने जीवन की सतत् तपस्या के उपरान्त संसार में सच्चे आनन्द और सुख शांति के लिये ही योग विज्ञान का आविष्कार किया । भिन्नता में अभिन्नता का अनुभव करना अपने को दूसरों में और दूसरों को अपने में अनुभव करना ही योग है । मानव को सुख शांति एवं स्वस्थ रहने का रास्ता दिखाने के लिए योग एक सशक्त माध्यम है। योग ही हमें सिखाता है स्वयं में स्थिर होना, अर्न्तमुखी होना, स्वयं (आत्मा) की अनुभूति करना जिससे जीवन में आनन्द की प्राप्ति होती है। योग सुन्दर व्यवस्थित जीवन जीने एवं व्यक्तित्व को निखारने की अद्भुत कला है।स्वस्थ्य जीवन जीने के लिये पाचन, श्वसन, स्नायु निष्कासन तंत्र का सही कार्य करना बहुत जरूरी है तथा हृदय, मस्तिष्क, फेफड़ों का पुष्ट होना भी आवश्यक है। जिससे हम उच्च रक्तचाप, मधुमेह, तनाव, चिंता, अवसाद, कुण्ठा, डर, भय जैसी गंभीर मानसिक बीमारियों से निजात पाते है तथा शरीर स्वस्थ्य होने से हम उर्जावान होते है तथा हमारी रोग प्रतिरोधक एवं कार्य क्षमता भी अद्द्भुत रूप से बढ़ती है, जिससे किसी भी कार्य को तनाव रहित होकर प्रसन्नतापूर्वक संपादित किया जा सकता है। व्यक्ति को मानसिक शांति, बुद्धि की तटस्थता, निर्णयात्मक शक्ति एवं चिंतन की धार योग से ही संभव है ।उन्होंने बताया कि योग समस्त मानव जाति के उत्थान के लिये आवश्यक है। सरक्षा से जुड़े लोको पायलटों के लिये विशेष जरूरी है क्योंकि उनकी ड्यूटी संरक्षा एवं सुरक्षा से जुड़ी हुई है। जिनके उपर सभी रेलयात्रियों की जिंदगी एवं सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी जुड़ी होती है । इसलिये उनका निरोगी एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना बहुत जरूरी है। यदि उन्हें उचित माहौल देकर उनके भीतर से असुरक्षा, डर, तनाव, भय एवं अवसाद एवं अन्य मानसिक बीमारियों को दूर कर दिया जाय तथा उचित माहौल दिया जाय तो उनमें निडरता, एकाग्रता, धैर्य, सहनशीलता, शांति, सहजता एवं समभाव का भाव पैदा होगा तथा वह अतिरिक्त उर्जावान होकर पूर्ण मनोयोग से अपना कार्य निष्पादन सफलतापूर्वक संपादित कर सकते हैं ।
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