द्वारका एक्सप्रेस-वे में सही सूचना लिखित में नहीं देने की हुई चूक : गडकरी

नयी दिल्ली। सड़क परिवजन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि द्वारका एक्सप्रेस-वे में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ और इसकी लागत को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक(कैग) की रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आए हैं,वह लिखित सूचना नहीं देने की चूक के कारण हुआ है।श्री गडकरी ने एक समाचार चैनल द्वारा यहां आयोजित कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय पारदर्शी और निर्धारित तरीके से सड़कों के निर्माण का काम कर रहा है और एक काम में भी कहीं कोई भ्रष्टाचार हुआ हो तो इसके लिए वह कोई भी सजा भुगतने को तैयार हैं।द्वारका एक्सप्रेस-वे में सीएजी की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार होने संबंधी आरोपों को खारित करते हुए उन्होंने कहा,“द्वारका एक्सप्रेस-वे स्टेट आफ आर्ट प्रोजेक्स है और इसकी कुल लम्बाई 29 किलोमीटर है। लेन के हिसाब से 563 किलोमीटर है। आठ लेन की इस सड़क में छह लेन की सुरंग है और इसकी लागत 250 करोड़ रुपए नहीं बल्कि 206 करोड़ रुपए थी।”उन्होंने कहा कि परियोजना में हर चरण पर कम लागत आने के लिए सभी कदम उठाए हैं। परियोजना के चार चरण के लिए चार टेंडर मंगाए गये और पहला पैकेज में पांच टेंडर आए और इसमें लागत पांच प्रतिशत कम हुई। दूसरे पैकेज में चार प्रतिशत ऊंची गई और तीसरे पैकेज के टेंडर में 12 कंपनियां शामिल हुई जबकि चौथे पैकेज में आठ प्रतिभागी थे। पूरे प्रोजक्ट में 12 प्रतिशत लागत कम हुई।”कैग की रिपोर्ट में लागत ज्यादा आने को लेकर सफाई देते हुए उन्होंने कहा, “समस्या क्या हुई कि इसमें अंदर सुरंग है इसलिए कीमत ज्यादा गई। ज्यादा कीमत आने की बात हमने कैग के सामने रखी और कैग लागत आने के कारणों पर सहमत था लेकिन गलती यह हुई कि लिखित में इसकी सूचना नहीं दी गई और यही चूक सामने आ गई। इस चूक की वजह से कैग की रिपोर्ट में वही लिखा आया जिस पर उसने पहले आपत्ति दर्ज की थी और आपत्ति को लेकर हमारे द्वारा दिए गये कारणों को सही माना था।”उन्होंने विपक्षी दलों तथा अन्य सभी पक्षों का आह्वान किया कि यदि उन्हें कुछ गलत लगता है तो वह इस बारे में वह सारे सवालों का जवाब देने को तैयार हैं। इसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। इस बारे में जो भी चुनौती दी जाएगी वह उसका सामना करने को तैयार हैं।उन्होंने कहा, “हम पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं और समय से काम कर रहे हैं। मुझे मोदी सरकार में 50 लाख करोड़ रुपए का काम करने का मौका मिला है और कोई बता दे कि हमने कहीं कोई भ्रष्टाचार किया है। मैं विपक्ष को आह्वान करता हूं कि वे आएं और उनको मैं अपने पारदर्शी होने का सबूत दूंगा। इसमें यदि कोई घोटाला पाया जाता है तो जो चाहें सजा भुगतने को तैयार हूं। कैग ने गलती पकड़ी है और वह सामने आई है। इसकी कुल लागत में हमने 12 प्रतिशत बचाए हैं। यह काम पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से हुआ है।”