चीन के फ्रॉड को नहीं पकड़ सकी मोदी सरकार : कांग्रेस

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि चीन का एक फ्राॅड गुजरात से महज नौ दिन में 1200 करोड़ रुपए लूटकर फरार हो गया लेकिन मोदी सरकार उसका बाल भी बांका न कर सकी।कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने आज यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गुजरात में ‘चीनी घुसपैठ’ हुई है। चीन का एक नागरिक गुजरात आया और नौ दिन में लागों को 1400 करोड़ रुपये की चपत लगाकर गायब हो गया।उन्होंने कहा कि कमाल की बात यह है कि फ्राॅड की यह घाटना उस समय हुई जब खुद प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार के लिए गुजरात गये थे। प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए स्वाभाविक रूप से वहां सुरक्षा व्यवस्था उस दौर में बढ़ा दी गई होगी इसके बावजदू आखिर क्या हुआ कि ‘चीनी फ्राॅड’ लोगों को चूना लगाता रहा है औ गुजरात की पुलिस उस समय सोती रही।प्रवक्ता ने कहा,“ यह चीनी व्यक्ति गुजरात में केवल नौ दिन रहता है और 1200 लोगों से 1400 करोड़ रुपये की ठगी करके चुपचाप देश से भाग जाता है लेकिन प्रधानमंत्री और ग़ृह मंत्री अमित शाह उसे रोक नहीं सके। कुछ मीडिया रिपोर्टों से यह भी कहा गया है कि यह ‘डैनी डाटा एप’ घोटाला है जिसके माध्यम से उसने 4600 करोड़ रुपये तक की लूट की है।”उन्होंने कहा,“ मोदी सरकार विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए सरकारी एजेंसी ईडी, सीबीआई, एसएफआईओ आदि का इस्तेमाल करती है लेकिन उन चीनी घोटालेबाजों पर उसकी निगह नहीं जाती है जो भारतीयों को लूटते हैं और चुपचाप देश से भाग जाते हैं। दरअसल यह चीनी एप ‘डानी डाटा एप’ है और इसका प्रचार प्रसार भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में पुलिस ने किया जिससे इस फ्राड एप पर लोगों को ज्यादा विश्वास हुआ।”प्रवक्ता ने कहा,“वू उयानबे नाम का एक चीनी तकनीकी विशेषज्ञ 2020-22 में भारत में रहा और उसने एक नकली फुटबॉल सट्टेबाजी ‘डानी डाटा एप’ बनाया। उत्तर प्रदेश पुलिस ने डानी डाट एप का प्रचार किया जिससे आम लोगों का इस पर विश्वास बढा है। सोशल मीडिया पर ऐसी कई तस्वीरें उपलब्ध हैं जिनमें यूपी पुलिस ‘डेनी डाटा एप’ प्रायोजित ‘लव डोनेशन’ बैनर के साथ पोज देती रही है।”उन्होंने कहा, “गुजरात की सीआईडी ​​के अनुसार, चीन के शेनझेन क्षेत्र का कथित निवासी उयानबे फुटबॉल खेलों में गहरी रुचि रखने वाले 15 से 75 वर्ष की आयु वर्ग के व्यक्तियों को निशाना बनाकर प्रतिदिन औसतन 200 करोड़ रुपये हड़पने में कामयाब रहा। इसकी धोखाधड़ी के शिकार असंख्य लोग हुए। दिसंबर 2022 तक, गुजरात पुलिस को धोखाधड़ी के शिकार लोगों से 1,088 शिकायतें और हेल्पलाइन 1930 पर 3,600 से अधिक शिकायतें मिली थीं।”