वाराणसी; पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल पर 18 अगस्त,2023 को सद्भावना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक श्री विनीत कुमार श्रीवास्तव ने मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर मंडल कार्यालय पर कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सद्भावना दिवस के उपलक्ष्य में शपथ दिलाई कि वे अपने कार्यक्षेत्र में जाति, सम्प्रदाय, क्षेत्र, धर्म अथवा भाषा का भेदभाव किये बिना सभी भारतवासियों की भावनात्मक एकता और सद्भावना के लिये कार्य करेंगे इसके साथ ही रेल अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने यह भी शपथ ली कि सभी प्रकार के मतभेद बिना हिंसा का सहारा लिए बातचीत और संवैधानिक माध्यमों से सुलझाएँगे।
इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक(परिचालन) श्री राजेश कुमार सिंह,वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी श्री समीर पॉल, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर(समन्वय)श्री राकेश रंजन,वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक श्री अजय प्रताप सिंह,वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक श्रीमती प्रीती वर्मा,वरिष्ठ मंडल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर श्री रजत प्रिय, वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर(कैरेज एण्ड वैगन)श्री अनुभव पाठक, वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (Enhm) श्री अपूर्व, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर(परिचालन) श्री अनिल श्रीवास्तव,वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (कर्षण) आर एन सिंह, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर(सामान्य)श्री पंकज केशरवानी, मंडल इंजीनियर सामान्य श्री प्रेम प्रकाश कुजूर,मंडल कार्मिक अधिकारी श्री विवेक मिश्रा,सहायक कार्मिक अधिकारी श्री रमेश उपाध्याय समेत सभी विभागाध्यक्षों एवं कर्मचारियों को सद्भावना निम्न शपथ की दिलायी गयी।
“मैं प्रतिज्ञा करता/करती हूँ कि मैं जाति, संप्रदाय, क्षेत्र, धर्म अथवा भाषा का भेदभाव किए बिना सभी भारतवासियों की भावनात्मक एकता और सद्भावना के लिए कार्य करूंगा / करूंगी। मैं पुनः प्रतिज्ञा करता/करती हूँ कि मैं हिंसा का सहारा लिए बिना सभी प्रकार के मतभेद बातचीत और संवैधानिक माध्यमों से सुलझाऊंगा / सुलझाऊंगी।”
इसके पूर्व वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी श्री समीर पॉल ने बताया की भारत में हर वर्ष 20 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री की स्मृति में सद्भावना दिवस मनाया जाता है। किन्तु 20 अगस्त को अवकाश होने के कारण आज सप्ताह के अंतिम कार्य दिवस पर सद्भावना दिवस मनाया जा रह है । ‘सद्भावना दिवस’ का उद्देश्य सभी धर्मों, भाषाओं और क्षेत्रों के लोगों के बीच राष्ट्रीय अखंडता और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ाना है।