हैदराबाद।वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (वाईएसआरटीपी) की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला को शुक्रवार को उस समय नजरबंद कर दिया गया जब वह सिद्दीपेट में गजवेल जाने की तैयारी कर रही थीं।प्राप्त जानकारी के मुताबिक शर्मिला ने सिद्दीपेट जिले के जगदेवपुर मंडल के गजवेल के ग्रामीणों को अपना समर्थन दिया था, जो दलित बंधु योजना में अनियमितताओं का विरोध कर रहे हैं। वह अपने आवास लोटस पॉन्ड से निकलने वाली थी, तभी पुलिस ने अनुमति नहीं होने का हवाला देते हुए उसे घर में नजरबंद कर दिया। उनके आवास पर तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गयी और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।शर्मिला ने पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हुए उनके हस्तक्षेप की निंदा की और सड़क पर बैठकर धरना दिया। उन्होंने आज शाम तक धरना जारी रखने के अपने दृढ़ संकल्प की घोषणा की।बाद में, मीडिया से बात करते हुए वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (वाईएसआरटीपी) की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने कहा,“हमें गजवेल के निवासियों से एक पत्र मिला, जिसमें दलित बंधु योजना के उचित कार्यान्वयन के लिए उनकी लड़ाई में हमारी सहायता की अपील की गई थी। क्या पुलिस द्वारा हमें नजरबंद करना उचित है? हम तो उनकी दुर्दशा को समझने की कोशिश कर रहे हैं?”तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को सीधे संबोधित करते हुए सुश्री शर्मिला ने जोर देकर कहा,“ये वही लोग हैं जिन्होंने आपको दो बार चुना, और फिर भी वे खुद को गरीब परिस्थितियों में रहने को मजबूर है तथा उनके पास उचित आवास और बुनियादी सुविधाओं की कमी है। यदि दलित बंधु योजना आपके अपने गढ़ में कुप्रबंधित हो रही है, क्या हम तेलंगाना के अन्य क्षेत्रों में इसकी सफलता पर भरोसा कर सकते हैं?”उन्होंने प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा,“क्या हम इसी तरह के शासन की उम्मीद करते हैं? क्या लोगों के वोटों का मतलब संघर्ष और उपेक्षा का जीवन जीना है? डबल बेडरूम घर और दलितों के लिए भूमि आवंटन जैसे किए गए वादे सही मायने में खोखले प्रतीत होते हैं।”मुख्यमंत्री के आश्वासनों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने जोर देकर कहा,“केसीआर, जिन्होंने यह सुनिश्चित करने की कसम खाई थी कि दलित बंधु हर योग्य परिवार तक पहुंचे, को धीमी प्रगति के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। योजना के भीतर भ्रष्टाचार और हेराफेरी की रिपोर्टें चिंता पैदा करती हैं। सार्थक कार्रवाई क्यों नहीं की गई?”सुश्री शर्मिला ने कहा,“हर नागरिक बेहतर का हकदार है। हालांकि सरकार भव्य परियोजनाओं और बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करती है, लेकिन हाशिए पर रहने वाले समुदायों की बुनियादी जरूरतों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। यह वह स्वर्णिम तेलंगाना नहीं है जिसका वादा किया गया था।”सुश्री शर्मिला ने धन के आवंटन पर भी सवाल उठाते हुए कहा,“करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग क्यों किया जाता है? इस योजना से कुछ चुनिंदा लोगों को फायदा हो रहा है जबकि बहुसंख्यक को नुकसान हो रहा है। इस तरह का शासन अस्वीकार्य है।”
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