लखनऊ। प्रदेश कांग्रेस ने कहा है कि राज्य में बेरोजगारी चरम पर पहुंच चुकी है। नौजवान मजबूरन दर-बदर भटकने को मजबूर है, इसी वजह से आज उत्तर प्रदेश का नौजवान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जन्म दिन को ‘‘यू.पी. बेरोजगार दिवस’’ के रूप में मना रहा है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को नौजवानों को बिलकुल चिन्ता नहीं है। आज प्रदेश का नौजवान बहुत ही आक्रोशित है, जो भाजपा 2017 में रोजगार का नारा देकर और नौजवानों को नौकरी का भरोसा देकर सत्ता में आई थी और वादा किया था कि भाजपा सरकार में पांच साल में 70 लाख नौकरियां और प्रत्येक युवा को रोजगार दिया जायेगा। लेकिन सरकार बनते ही उन वादों को भूलकर एकदम विपरीत काम शुरू कर दिया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री झूठे आंकड़े पेश कर नौजवानों के दुख पर नमक छिड़कते रहे। उन्होंने कहा कि उप्र ने आजादी के बाद इतना बड़ा बेरोजगारी का दंश नहीं झेला जितना आज उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की वजह से नौजवान को भुगतना पड़ रहा है। सरकार के भ्रष्टाचार के चलते एक भी भर्ती परीक्षा ऐसी नहीं हुई जिसका पेपर न लीक हुआ हो। भर्ती प्रक्रिया लंबित होने से प्रदेश के लाखों नौजवानों की आयु भर्ती सीमा से बाहर हो गयी। 2018 में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 21.39 लाख थी, जो 2020 में बढ़कर 33.93 लाख हो गयी और सरकार अपना अलग ही राग अलापती रही।