बांदा। बिजली समस्या को लेकर समाजसेवी पीसी पटेल और किसानों ने एक माह तक अधिकारियों की चैखट पर जाकर गुहार लगाई, लेकिन केाई सुनवाई नहीं हुई। मजबूरन बबेरू तहसील के बिसंडा बिजली घर पर समाजसेवी और किसान अनशन पर बैठे हुए हैं। अनशन के दूसरे शनिवार को सैकड़ों किसान समर्थन में समाजसेवी के साथ डटे नजर आए। किसानों ने बताया कि जब से हम लोग अनशन में बैठे हैं तो बिसंडा के जेई द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत की आपूर्ति बिल्कुल कम कर दी है। शुक्रवार रात मात्र 5 घण्टे ही आपूर्ति दी गई। जब लोग बात करते हैं तो जेई का यही कहना है कि चाहे अनशन कर लो चाहे बिजली ले लो। इस संबंध में समाजसेवी पीसी पटेल जनसेवक ने जेई सहित एसडीओ और एक्सईएन से संपर्क किया गया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। इसके बाद विभागीय अधिकारियों के साथ ही जिलाधिकारी को समस्या से अवगत कराया गया है। जिलाधिकारी केा बताया गया कि कर्मचारियों को समझाया जाए। क्षेत्र में झूठी अफवाह न फैलाएं। कहीं ऐसा न हो कि किसानों का गुस्सा उग्र हो जाए। समाजसेवी ने बताया कि उच्च अधिकारी व जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि लापरवाह कर्मचारियों पर कार्यवाही करवाते हुए जल्द विद्युत क्षमता बढ़ाई जाए और समस्या का समाधान किया जाए। अगर ऐसा नहीं होता तो सैकड़ों किसानों के साथ जिला मुख्यालय में जिलाधिकारी की चैखट पर जाकर भूख हड़ताल और आमरण अनशन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। जिलाधिकारी ने अधिशाषी अभियंता को ततकाल समस्या का समाधान कराए जाने के निर्देश दिए हैं। अनशन के दूसरे दिन समाजसेवी पीसी पटेल के साथ क्षेत्र के सैकड़ों लोग सुखिया देवी, राजरानी, मिथलेश, शिवशंकर, उमेश, कमलेश, सुखबीर, सुतीक्षण पटेल, श्याम सिंह, मुन्ना, प्रेम नारायण, अखिलेश, राजकिशोर, रामबाबू, रामकेश, दिलीप कुमार, जयराम, मलखान, चंद्रशेखर, चोला, सतनारायण, अमित पटेल, नीरज गुप्ता, ओमप्रकाश, कालीचरण, बलराम, शिवप्रसाद, कमल, बलवीर, सत्येंद्र सिंह, संदीप, बाला प्रसाद, शिवनंदन, दयाधर, अर्जुन शर्मा, राम मनोहर, रामबाबू, अरुण, संदीप, नितेश, शिवप्रसाद, भूरा पटेल, रामखेलावन, हरिओम, संतराम, दीपक, अमरेंद्र समेत सैकड़ो किसान मौजूद रहे।
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