मऊ।आज जिलाधिकारी अरुण कुमार की अध्यक्षता में गौ संरक्षण केंद्रों पर गो सेवक श्रमिकों की नियुक्ति एवं उनके पारिश्रमिक निर्धारण के संबंध में कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक संपन्न हुई। इस दौरान जिलाधिकारी ने पंचायती राज विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की भी समीक्षा की।बैठक के दौरान मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जनपद में कुल 52 गौ आश्रय स्थल हैं, जिनमें 44 ग्राम पंचायतों में संचालित है। प्रत्येक गो आश्रय स्थल पर शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार गो सेवक श्रमिकों की नियुक्ति की जानी है, जिनका पारिश्रमिक राज्य वित्त आयोग की धनराशि से दिया जाना है। उन्होंने बताया कि 50 से कम गोवंश होने पर 1, 50 से 100 पर 2, 100 से 150 पर 3, 150 से 200 पर 4 तथा 200 से ऊपर गोवंश होने पर संबंधित गौ आश्रय स्थलों पर 5 गो सेवक श्रमिकों की तैनाती की जानी है।गो सेवक श्रमिकों की तैनाती के संबंध में जिलाधिकारी ने संबंधित ग्राम पंचायत स्तर पर चयन समिति का गठन करते हुए एजेंडा जारी कर,15 दिनों के बाद बैठक करते हुए शासन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार गो सेवक श्रमिकों का चयन करने के निर्देश दिए। उन्होंने चयन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरतने तथा आवश्यक सेवा शर्तों से भी गो सेवक श्रमिकों को अवगत कराने को कहा। गो सेवक श्रमिकों के वेतन निर्धारण के संबंध में जिलाधिकारी ने अकुशल श्रमिकों हेतु मनरेगा के तहत निर्धारित धनराशि के आधार पर उनका मासिक वेतन निर्धारण करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान ही जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी से पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 के ग्राम पंचायत भवनों के निर्माण की स्थिति की जानकारी लेते हुए जिन ग्राम पंचायतों में अभी तक पंचायत भवनों का निर्माण पूर्ण नहीं हुआ है उन ग्राम पंचायतों के सचिवों का तत्काल वेतन रोकने के निर्देश दिए।वित्तीय वर्ष 2023-24 में अभी तक पंचायत भवनों के संबंध में प्रस्ताव नहीं मंगाए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने शीघ्र ही समस्त ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव मनाने एवं अन्य आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने प्लास्टिक प्रबंधन एवं अंत्येष्टि स्थलों के निर्माण के संबंध में जानकारी लेते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए। जिलाधिकारी द्वारा गत माह रतनपुरा विकासखंड में निरीक्षण के दौरान एडीओ पंचायत के कमरे में ताला बंद पाए जाने पर जिला पंचायत राज अधिकारी को अभिलेखों की जांच करने के निर्देश दिए गए थे,जिस के संबंध में भी जानकारी लेते हुए जिलाधिकारी ने निर्देशों के अनुपालन की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश जिला पंचायत राज अधिकारी को दिए। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत नागर,डीसी मनरेगा उपेंद्र पाठक,जिला पंचायत राज अधिकारी राजेंद्र कुमार, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी,अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद दिनेश कुमार, परियोजना निदेशक रामबाबू त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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