स्टॉकहोम। स्वीडन में लोग बड़ी तादाद में कुरान जलाने के लिए सरकार से अनुमति मांग रहे हैं। इससे देश की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि आतंकी हमले भी हो सकते हैं। गौरतलब है कि स्वीडन में एक के बाद एक कुरान जलाने की घटनाओं के बाद पहले से ही देश में तनाव है। इसके बीच ही मुसलमानों के पवित्र ग्रंथ को जलाने के लिए कई और लोगों ने अनुमति मांगी है। इस पर प्रधानमंत्री डलफ क्रिस्टर्सन ने कहा है कि भारी संख्या में लोगों ने इस ग्रंथ का अपमान करने के लिए आवेदन किया है। इसके बाद से ही क्रिस्टर्सन देश की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा है कि अगर देश में कुरान को लेकर और ज्यादा विरोध हुआ तो फिर इसके नतीजे गंभीर हो सकते हैं। इसके बाद से ही देश को अलर्ट पर रखा गया है। इधर स्वीडिश पीएम क्रिस्टर्सन ने कहा कि अगर इन लोगों को मंजूरी दी गई तो फिर हमें कुछ ऐसे दिनों का सामना करना पड़ेगा जहां कुछ बड़ी घटना होने का खतरा बढ़ जाएगा। मैं इस बात को लेकर बेहद चिंतित हूं कि इसका क्या परिणाम हो सकता है। कुरान के अपमान से जुड़े विरोध प्रदर्शनों के बाद देश में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है। देश की सरकार ने स्वीडन में आतंकवाद विरोधी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 15 सरकारी एजेंसियों को निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि कुरान जलाने की वजह से स्वीडन का कई मध्य पूर्वी देशों के साथ तनाव बढ़ गया है। पीएम क्रिस्टर्सन ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा कि हाल की विनाशकारी घटनाओं, विशेष रूप से आगजनी, ने स्वीडन के लिए जोखिम बढ़ा दिया है। स्वीडिश सिक्योरिटी सर्विस के अनुसार, हम आतंकी हमलों का अब प्राथमिक लक्ष्य बन गए हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि स्थिति बहुत गंभीर है। स्वीडन की सशस्त्र सेनाओं, कई कानून प्रवर्तन एजेंसियों और स्वीडिश टैक्स एजेंसी सहित 15 सरकारी एजेंसियों को सिक्योरिटी सर्विस की अगुवाई में अपने काम को तेज करने का जिम्मा सौंपा है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में न्याय मंत्री गुन्नार स्ट्रोमर ने कहा कि यह कदम स्वीडन में आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद को रोकने और उसे बाधित करने की क्षमता को मजबूत करने का प्रयास करेगा। स्वीडन में हाल के कुछ हफ्तों में कई विरोध प्रदर्शन हुए हैं जहां कुरान की कई कॉपियों को या तो नुकसान पहुंचाया गया है या फिर उन्हें जला दिया गया है। इन घटनाओं की वजह से मुसलमानों में नाराजगी है। यह घोषणा स्वीडन की सरकार द्वारा यह कहे जाने के एक दिन बाद आई है कि देश दुष्प्रचार अभियानों का लक्ष्य बन गया है। देश के विदेश मंत्री टोबियास बिलस्ट्रॉम ने कहा है कि स्वीडन का कानून कुरान जलाने की मंजूरी नहीं देता है या इसकी निंदा नहीं करता है।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post