बांदा। आपसी सौहार्द का प्रतीक कहा जाने वाला मोहर्रम का पर्व शहीदाने कर्बला की याद में हर साल 10 दिनों तक मनाया जाता है। बृहस्पतिवार को मोहर्रम की आठवीं मनाई गई ब्रहस्पतिवार को 6 इमामबाड़ों से मेंहदी ताजिये जुलूस उठाये गए। एक मेहदी ताजिया जुलूस मर्दननाका से रशीद के इमाम बाड़े से उठाया गया। दूसरा हाथी खाना अलीगंज से टिर्री की मेंहदी का जुलूस उठा तीसरा कुदववा किन्नर की मेंहदी का जुलूस रब्बनिया के सामने वाली गली से उठा। चैथा खुटला से मनिहारों की मेंहदी का जुलूस उठा। पांचवां मर्दननाका से सब्जी फ़रोशों की मेंहदी का जुलूस उठा और छटवां अलीगंज से पीरा की मेंहदी का जुलूस उठाया गया। यह सारे मेंहदी जुलूस अपने अपने निर्धारित रास्तों से होते हुए नगर कोतवाली के सामने पहुंचे जहां मातमी धुनों के साथ सभी मेंहदी ताजियों का मिलाप हुआ। मिलाप के बाद ये मेंहदी ताजियों के जुलूस अलग अलग रास्तों से होते हुए मनोहरी गंज स्टार प्लाजा के सामने पहुंचे और यहां पर फिर इन सभी मेंहदी ताजियों के जुलूसों का मिलाप हुआ इसके बाद ये सभी मेंहदी ताजियों के जुलूस अपने अपने निर्धारित रास्तों से होते हुए अपने अपने इमाम बाड़े की तरफ रवाना हुए। रास्ते भर सैकड़ो लोगों ने इस जुलूस हुसैनी पर लंगर किया। लंगर करने वालों में बड़ी संख्या में हिन्दू समाज के लोगों ने भी भाग लिया। दिनभर चले इस मेंहदी जुलूस में पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी ड्यूटी पर मुस्तैद रहे। जुलूस को सकुशल संपन्न कराने के लिए जुलूस में पूरे समय मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष डा. शोएब नियाजी, उपाध्यक्ष अरशद निज़ामी, उपाध्यक्ष निजामुद्दीन फारूकी, सेक्रेटरी आसिफ अली, कोषाध्यक्ष हाजी चांद मियां, मंत्री आरिफ खान, मंत्री शोएब रिज़वी, मंत्री कपिल धुरिया, मंत्री मलिक नियाजी, मीडिया प्रभारी जावेद खां, मीडिया प्रभारी परवेज़ अली सहित तमाम कार्यकर्ता पदाधिकारी मौजूद रहे।
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