सिद्धार्थनगर।मौसम की मार किसानों का साथ नहीं छोड़ रही है। खरीफ के फसल पर भी इसका असर साफ नजर आने लगा है। बारिश न होने और तेज धूप निकलने से खेतों की नमी गायब हो रही है। खेतों में दरारें पड़ने के साथ धान के पौधे मुरझाने लगे हैं। पाई-पाई जोड़कर खेतों में लगाए धान की फसल को सूखता देख किसानों का कलेजा दुख रहा है। लेकिन प्रकृति के आगे वह बेबस नजर आ रहे हैं। किसानों का कहना है कि इसी प्रकार एक सप्ताह तक अगर बारिश नहीं हुई तो फसल पर संजाएं सपने बिखर जाएंगे।काफी दिनों से आसमान में उमड़ते-घुमड़ते बादलों के न बरसने से किसानों की समस्याओं के साथ चिन्ता बढ़ती जा रही है। पिछले दिनों रुक-रुक कर हुई बारिश को देखकर किसानों ने इस उम्मीद में धान की रोपाई जोर-शोर से की थी कि अगर बारिश इसी प्रकार होती रही तो धान की अच्छी उपज हो सकती है। समय बीतने के साथ ही अच्छे फसल की उम्मीदें टूटने लगी हैं। पिछले कई दिनों से बारिश का सिलसिला थम सा गया है। तेज धूप निकल रही है, इसका सीधा प्रभाव धान की फसल पर पड़ रहा है। खेतों में पानी न होने से दरारें पड़ने लगी हैं। इससे फसलें भी मुरझाने लगी हैं। अब्दुल रहीम, राधेश्याम, मोहम्मद उमर आदि किसानों का कहना है कि जिस प्रकार से मौसम है, उसे देखकर नहीं लगता है कि जल्द बारिश होगी। अगर बारिश जल्द नहीं हुई तो फसल के नष्ट होने की पूरी आशंका है। पूंजी भी नहीं बची है कि जिसके सहारे महंगे डीजल खरीदकर पंपसेट से खेतों में पानी डाला जा सके है। इलाके में सिंचाई के सरकारी संसाधन पूरी तरह से बदहाल हैं।
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