बैंकों के सर्किल हेड एवं उप-महाप्रबन्धक के साथ प्राधिकरण सभागार में 25 को एक बैठक आहूत की गयी

वाराणसी। विकास क्षेत्र (महायोजना-2031) के अनुक्रम में वाराणसी विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र के अन्तर्गत किसी कालोनी का विकास या भवन निर्माण किये जाने हेतु उ0प्र0 नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की धारा-14 एवं 15 के अन्तर्गत अनुमति प्राप्त करना/मानचित्र स्वीकृत कराया जाना अनिवार्य है। बैंक द्वारा अवैध कालोनियों में भूखण्ड क्रय, गृह/भवन निर्माण तथा अवैध बन्धक सम्पत्ति के सापेक्ष ऋण भी स्वीकृत कर दिये जाते हैं, जिससे अवैध गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है।अवैध कालोनियों में मूलभूत सुविधाएं यथा-सीवर, पेयजल, मानक रोड, पार्क इत्यादि न मिलने के कारण भविष्य में आम-जनमानस को अत्यंत कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। *इस सम्बन्ध में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाउसिंग फाइनेन्श हेतु समस्त अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को दिनांक 18.02.2022 को जारी मास्टर सर्कुलर संख्या-RBI/2021-22/171DOR, CRE, REC No-87/08.12.2001/2021-22 के प्रस्तर-2-B-Vii में भी उल्लिखित प्रावधानों में स्पष्ट रूप से निर्देशित/आदेशित किया गया है कि ऐसी समस्त सम्पत्तियॉ जो नियामक संस्था से अनुमोदित नहीं हैं पर ऋण स्वीकृत नहीं किया जा सकता है।इस सम्बन्ध में *प्राधिकरण सभागार में डा0 सुनील कुमार वर्मा, सचिव, वा0वि0प्रा0 की अध्यक्षता में बैंकर्स के साथ विचार-विमर्श के उपरान्त सहमति व्यक्त की गयी कि वाराणसी विकास प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत होने की दशा में ही बैकर्स द्वारा क्रेता/निर्माणकर्ता को ऋण प्रस्वीकृत किया जाय।बैठक में सचिव, वा0वि0प्रा0, संयुक्त सचिव एवं बैंकों के सर्किल हेड एवं उप महाप्रबन्धक इत्यादि द्वारा प्रतिभाग किया गया।