या हुसैन-या हुसैन की सदा से रात भर गूंजता रहा शहर

फतेहपुर। पीरनपुर और सैय्यदवाड़ा से उठने वाले ताजियों का जुलूस मोहर्रम की पांचवीं तारीख को लाला बाजार पहुंचा। धीरे-धीरे जुलूस पीलू तले चैराहे की ओर बढ़ा और प्रातः नौ बजे सभी ताजियों का मिलाप हुआ। इस दौरान ताजिया जुलूस में भारी तादाद में अकीदमंदों की भीड़ रही। वहीं अलम व अखाड़ा हाथों में लोग या हुसैन, या हुसैन के नारे लगाते रहे। वहीं शिया समुदाय में लोगों ने मजलिसों का आयोजन किया।बताते चलें कि मोहर्रम की चार तारीख की रात शहर के सैय्यदवाड़ा मुहल्ले से मुसद्दक हुसैन उर्फ मुच्छू, इसी मुहल्ले से अमीर उद्दीन, पनी मुहल्ले से हामिद अली, पीरनपुर से सुबराती व बुलाकी के ताजिये अपनी-अपनी इमाम चैक से ढोल-नगाड़ों के बीच उठाये गये थे। जो निर्धारित मार्गों पर गश्त करते करते रहे। सैय्यदवाड़ा मुहल्ले के दोनों ताजिये इमामबाड़े से उठकर लाला बाजार पुलिया पर काफी देर तक खडे हुए। इसके अलावा हामिद अली का ताजिया मसवानी से चैगलिया लाला बाजार पहुंचा। जहां पर सुबराती व बुलाकी के ताजियों से मिलान किया। ताजियो के आगे लगभग दर्जन भर से अधिक अलम व अखाड़ादार अपने-अपने अलम हाथों में लिये या हुसैन, या हुसैन के नारे लगाते रहे। उधर शिया समुदाय के लोगों में मजलिसों का दौर जारी रहा। जिसके क्रम में सुबह सात बजे सज्जाद मरहूम मछली मार्केट में मजलिस की गयी। इसके बाद आठ बजे अख्तर हुसैन निवासी कजियाना के मकान पर मजलिस की गयी। इसके बाद सुबह नौ बजे यावर मेंहदी के मकान पर मजलिस का दौर रहा। तीन बजे सैयद मुस्तफा हसन के मकान स्थित अलीगंज में मजलिस रही। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए शम चार बजे नवाब साहब के किले पर पर भी मजलिस रही। शाम सात बजे अत्तन हुसैन के मकान पर लाला बाजार में मजलिस की गयी। इसके बाद शाम आठ बजे मंजर हसैन के मकान पर मजलिस की गयी। इसी तरह आज दिन में हाशिम हुसैन की जानिब से लालाबाजार में मजलिस की गयी। देर रात मोहल्ला मसवानी से अहमद मियां का अखाड़ा, मसूद मियां का अलम, खुर्शीद आलम अन्सारी का ताजिया उठाया गया। जो अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ जीटी रोड पर आ गया। जहां एक के बाद एक ताजिये आते गये और एक दूसरे के साथ शामिल होते गये। जो रात भर उठते हुए मंगलवार की सुबह बाकरगंज पुलिस चैकी के समाने मिलाप करेंगे।