पीडीडीयू नगर।भारतवर्षीय गोंड आदिवासी महासभा समिति द्वारा बताया गया कि विगत 3 मई 2023 से मणिपुर जल रहा है।मीडिया के अनुसार 140 से ज्यादा मौत,300 से ज्यादा घायल और लगभग 60 हजार से ज्यादा लोग अपने निवास स्थान से दूर विस्थापन का दंश झेल रहे है मणिपुर वासियों के प्रति हमारी सहानुभूति है।हमारा आक्रोश शासन-प्रशासन यंत्र के प्रति है जिन्होंने इस जातीय और सांप्रदायिक हिंसा को नियंत्रित करने का भागीरथ प्रयास नहीं किया।इन्टरनेट बंद होने के कारण और सेंसर किये गए समाचारों के द्वारा देश वासियों को मणिपुर की वास्तविक स्थिति का पता नहीं चला यह बहुत ही खेद जनक बात है। राज्य और केंद्र सरकार की संवैधानिक एजेंसिया मुख्य मंत्री,राज्यपाल,गृहमंत्रालय, मानवाधिकार आयोग,महिला आयोग और राष्ट्रीय जनजाति आयोग ने भी अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करने इच्छाशक्ति नहीं दिखलाई।परिस्थितिओं को परिस्थिति के ही हवाले छोड़ दिया गया जिसके कारण स्थिति बद से बदतर होती चली गयी।राज्य और केंद्र की सरकारें व्यक्ति की गरिमा का संरक्षण करने में असफल रही है,इससे इनकार नहीं किया जा सकता है।भारत की अन्तराष्ट्रीय छवी धूमिल हुई है ।भारतवर्षीय गोंड आदिवासी महासभा इस पुरे घटना की कड़ी निंदा करती है और यह मांग करती है कि इस अमानवीय हिंसा को नियंत्रित न कर पाने,नागरिको की गरिमा और उनकी सुरक्षा में असफल रहने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उपरोक्त सभी को अपने पदों से इस्तीफा देना चाहिए।जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की जाँच करते हुए उनकी जिम्मेदारियों को तय करते हुए न्यायायिक करवाई सुनिश्चित की जाए।महासभा ने 2 मिनट मौन रखकर मृतकों के प्रति अपनी श्रद्धांजली अर्पित की है।घायलों के शीघ्र स्वस्थ और मणिपुर में शीघ्र शांति स्थापित होने की कामना करने के साथ सभा विसर्जित की गयी।सभा की अध्यक्षता डॉ.उमेश चन्द्र और संचालन श्री कृष्ण गोंड ने किया।बैठक में सुभाष शाह, संजीव गौड़,प्यारेलाल,संतोष कुमार,रामाधार,पंकज कुमार, बाबू लाल गौड़,संघमित्रा, दुर्गावती देवी,वंदना गौइ, नीलम,राम दुलार,चन्द्र भूषण, हंसराज कुमार आदि ने अपने विचार रखे।
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