पुनर्विकसित प्रगति मैदान का लोकार्पण 26 को

नयी दिल्ली। राजधानी में व्यापार मेलों एवं अन्य बड़े आयोजनों के लोकप्रिय स्थल प्रगति मैदान के पुनर्विकसित अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केन्द्र (आईईसीसी) का लोकार्पण 26 जुलाई को किया जाएगा जहां सितंबर में विश्व के 20 आर्थिक रूप से शक्तिशाली देशों के समूह जी-20 का शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाना है।राजधानी के बीचोंबीच लगभग 123 एकड़ के परिसर क्षेत्र में फैले प्रगति मैदान परिसर की देश के सबसे बड़े एमआईसीई (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनियां) गंतव्य के रूप में पहचान है। संभवत: प्रधानमंत्री श्री मोदी इस परिसर का उद्घाटन करेंगे।आयोजनों के लिए उपलब्ध कवर किए गए स्थान के संदर्भ में, पुनर्विकसित और आधुनिक आईईसीसी कॉम्प्लेक्स दुनिया के शीर्ष 10 प्रदर्शनी और कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स में शामिल है, जो जर्मनी में हनोवर प्रदर्शनी केंद्र, शंघाई में राष्ट्रीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर (एनईसीसी) जैसे विशाल परिसरों की टक्कर का है। आईईसीसी के कद और बुनियादी ढांचे की विशालता बड़े पैमाने पर विश्व स्तरीय आयोजनों की मेजबानी करने की भारत की क्षमता का एक उत्कृष्ट प्रमाण है।आधिकारिक जानकारी के अनुसार कन्वेंशन सेंटर के लेवल-3 पर, लगभग 7000 व्यक्तियों की बैठने की क्षमता है। ऑस्ट्रेलिया में प्रतिष्ठित सिडनी ओपेरा हाउस की 5500 लाेगों के बैठने की विशाल क्षमता से भी बड़ा है। यह प्रभावशाली विशेषता आईईसीसी, वैश्विक स्तर पर मेगा सम्मेलनों, अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलनों और सांस्कृतिक समारोहों की मेजबानी के लिए उपयुक्त स्थान है।प्रदर्शनी हॉल उत्पादों, नवाचारों और विचारों को प्रदर्शित करने के लिए सात नवीन स्थान प्रदान करते हैं। ये अत्याधुनिक हॉल प्रदर्शकों और कंपनियों को अपने लक्षित दर्शकों के साथ जुड़ने, व्यवसाय विकास और नेटवर्किंग के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करते हैं। अपनी कई असाधारण विशेषताओं के बीच, आईईसीसी में तीन हजार व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाला एक शानदार एम्फीथिएटर है। संयुक्त रूप से तीन पीवीआर थिएटरों के बराबर, यह भव्य एम्फीथिएटर मनमोहक प्रदर्शन, सांस्कृतिक शो और मनोरंजन कार्यक्रमों के लिए मंच तैयार करता है, जो अपने माहौल से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।आईईसीसी में आगंतुकों की सुविधा एक प्राथमिकता है, जो 5500 से अधिक वाहन पार्किंग स्थानों के प्रावधान में परिलक्षित होती है। सिग्नल-मुक्त सड़कों के माध्यम से पहुंच में आसानी यह सुनिश्चित करती है कि आगंतुक बिना किसी परेशानी के कार्यक्रम स्थल तक पहुंच सकें।