फखरपुर, बहराइच। गन्ने की नई प्रजातियों जैसे 15023, 14201, 13235 की जो भी नर्सरी किसानो के पास लगी है, उनका निरीक्षण समय पर बहुत जरुरी है। सभी प्लाटो में मिट्टी जरूर चढ़ाये, यदि यूरिया एवं पोटाश नहीं दिया है, तो तत्काल डाल दे। गन्ना बंधाई अवश्य करे जिससे गन्ना ना गिरे। गन्ना गिरने से लगभग 20 से 25 प्रतिशत तक नुकसान हो सकता है, और बीज की गुणवत्ता खराब हो जाती है। उक्त जानकारी ग्राम सभा मरौचा में किसानों को दी गई। सभी किसानो के पास कुल गन्ना क्षेत्रफल का दसवाँ हिस्सा नर्सरी शरदकालीन एवं बसंतकालीन बुवाई की लिए अलग से होना चाहिए। यदि सभी किसानो के पास बीज नर्सरी उपलब्ध हो तो गन्ने के उत्पादन में उत्तरोत्तर बढ़ोतरी होगी और औसत उत्पादन कम से कम 500 कुंतल प्रति एकड़ जरूर मिलेगा। जिससे किसानो की आय में इजाफा होगा। नर्सरी तैयार करने के लिए मात्र 2 कुंतल बीज एक बीघा में चाहिए। नर्सरी में लाइन से लाइन की दूरी 4 फिट रखे और सिंगल लाइन ही बोये। इसके अलावा एक आँख का टुकड़ा बीज के लिए प्रयोग करे। बीज शोधित करे और एक आँख से दूसरी आँख की दूरी एक फीट से कम ना हो। पारले ऑर्गेनिक पोटाश, जैविक खाद, पीएसबी कल्चर, एसीटोबैक्टर का प्रयोग बुवाई के समय जरूर करे। जिससे उत्पादन बढे। इसके अलावा अन्य मुख्य प्रजाति जैसे 0238, 0118, 98014 पर भी विशेष ध्यान रखने की जरुरत है। व्यवसायिक गन्ना खेती में लाइन से लाइन की दूरी 4 फिट और 2 आँख का टुकड़ा ही बोये। इससे बीज की मात्रा प्रति बीघा 4 कुंतल से अधिक नहीं लगेगी और गन्ने का उत्पादन भी अच्छा होगा। यह सभी बातें पारले कंपनी के एसोसिएट मुख्य गन्ना प्रबंधक संजीव राठी ने किसानों से विशेष अनुरोध किया। उन्होंने यह भी कहा कि खेती अब एक व्यापार है और इसे वैज्ञानिक और व्यापारिक तरीके से करने की जरूरत है। इस अवसर पर काफी संख्या में किसान एवं कंपनी के अन्य अधिकारी अखंड, रुचिन, अमर, शक्ति, ग्राम सभा मरौचा में मौजूद रहे।.
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