कैलिफोर्निया। भारत सरकार की तरफ से चावल के निर्यात को बैन किया है। इस फैसले का प्रभाव हजारों किलोमीटर दूर अमेरिका में बसे भारतीयों पर दिखा। अमेरिकी एनआरआई प्रतिबंध की जानकारी से इतना घबरा गए कि उन्होंने चावल की जमाखोरी शुरू कर दी है। अमेरिका में शॉपिंग मॉल में चावल की लूट मच गई है। भारतीय कई-कई बोरी चावल खरीदकर घर ले जा रहे हैं।भारत के विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की तरफ से कहा गया है कि भारत सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। विभाग का कहना है कि गैर-बासमती सफेद चावल की निर्यात नीति को प्रतिबंधित कर दिया गया है। हालांकि भारत इस चावल की खेप को कुछ शर्तों के तहत निर्यात करने की अनुमति देगा जैसे कि इस अधिसूचना से पहले जहाज पर इस चावल की लोडिंग शुरू हो गई है।चावल निर्यात बंद करने के बाद अमेरिका में भारतीय चावल का स्टॉक करने के लिए दौड़ पड़े हैं। अमेरिकी दुकानों पर भारतीय सोना मसूरी चावल की कीमतों में कई गुना इजाफा हो गया है। कुछ दिनों पहले एक रिपोर्ट में भी कहा गया था कि भारत सरकार चावल की अधिकांश किस्मों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है।डीजीएफटी की अधिसूचना के बाद पूरी दुनिया के बाजारों में घबराहट की स्थिति है, लेकिन अमेरिका में हालात थोड़े ज्यादा मुश्किल नजर आ रहे हैं। अमेरिका में रह रहे भारतीय, प्रतिबंध खत्म होने तक चावल की बोरियों का स्टॉक करने के लिए भारतीय दुकानों पर पहुंच रहे। इसके बाद कई भारतीय दुकानों पर एक व्यक्ति एक बोरी वाला नियम लागू करना पड़ा। वहीं, कई दुकानों पर कीमतों में 32 डॉलर से 47 डॉलर तक का इजाफा हुआ है। जबकि पहले यह आंकड़ा 22 डॉलर तक ही था।प्रतिबंध से भारत का करीब 80 फीसदी चावल निर्यात प्रभावित हो सकता है। भारत में चावल की कीमतें कम हो सकती हैं लेकिन दुनियाभर में कीमतों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है। कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि भारत के प्रमुख चावल उत्पादक क्षेत्रों में कम बारिश की वजह से पिछले 10 दिनों में कीमतों में 20 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। भारत के फैसले की वजह से वियतनाम से आने वाला चावल भी महंगा हो गया है। इसकी वजह से चावल की कीमतें अमेरिका में इस हफ्ते एक दशक के बाद सबसे अधिक ज्यादा हो गई हैं। व्यापारियों को उम्मीद है कि अगर भारत निर्यात सीमित करेगा तब कीमतें और बढ़ेंगी।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post