नीति निर्माण और कार्यक्रमों के मूल्यांकन में आंकड़े महत्वपूर्ण: आयुक्त

बांदा। आयुक्त चित्रकूटधाम मण्डल आरपी सिंह की अध्यक्षता एवं जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल की उपस्थिति में कलेक्टेªट सभागार में सांख्यिकीय आंकड़ों के संग्रहण के संबंध में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए आयुक्त ने कहा कि सांख्यिकीय आंकड़ों के संग्रहण के महत्व के लिए आयोजित सेनेटाइजेशन वर्कशाॅप अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आंकड़ों का नीति निर्माण और कार्यक्रमों केे मूल्यांकन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि गरीबी उन्मूलन, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और आर्थिक विकास के लिए मूल्यवान है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सर्वे में आंकड़े सही तभी होंगे, जब इसमें सभी लोग जागरूक होकर अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने की संकल्पना को साकार करने के लिए हम सभी प्रयासरत हैं और इसके लिए राज्य सरकार समय-समय पर विभिन्न योजनाएं भी लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसी भी योजना को बनाने व लागू करने के लिए यह जानना अतिआवश्यक होता है कि आम नागरिक की उस योजना के सापेक्ष क्या स्थिति है। सरकार किसी भी योजना को जनता की स्थिति के अनुसार ही बनाती व उनमें परिवर्तन करती है। देश व प्रदेश के नागरिकों की जीवन शैली को जानने के लिए ही भारत सरकार व राज्य सरकार समय समय पर विभिन्न प्रकार के सर्वेक्षण कराती रहती है। इनमे कुछ सर्वेक्षण सतत रूप से चलते रहते हैं और कुछ विशेष समय पर विशेष कार्य के लिए कराए जाते हैं। इन सर्वेक्षणों के माध्यम से ही कई अहम जानकारियां एकत्रित की जाती हैं जिससे भविष्य में सरकार द्वारा जनहित में नीतियां बनाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में विगत वर्षों की अपेक्षा काफी विकास हुआ है। इस प्रकार का सर्वेक्षण एक अच्छी शुरूआत है, जिससे सर्वेक्षण में प्राप्त आंकड़ों के अनुसार निति का निर्धारण कर अविकसित क्षेत्रों को विकसित करने के साथ अर्थव्यवस्था में भी बेहतर की जा सकेगी। इस प्रकार के सांख्यिकीय आंकणों का संग्रहण बहुत ही उपयोगी एवं महत्वपूर्ण है। उद्यमी, व्यापारी एवं अन्य लोग जागरूक होकर इसके महत्व को समझें।कार्यशाला में फतेहपुर से आए एनएसओ के अधिकारियों ने इनके महत्व को बताते हुए कहा कि सरकार सर्वेक्षणों के आधार पर ही नई योजनाओं एवं नीतियों को बनाती व लागू करती है, इसलिए हमारे और आपके के लिए यह अति आवश्यक हो जाता है कि हम सरकार को सही आंकड़े उपलब्ध कराएं ताकि भविष्य में ऐसी योजनाएं लागू हों, जिससे जनता को सीधा लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि आंकड़ों को एकत्र करते समय सावधानी बरतनी पड़ती है। कार्यशाला में बताया गया कि कुल 06 सर्वेक्षणों के संबंध में जानकारी जागरूकता के लिए दी गई। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) और अर्थ एवं संख्या प्रभाग द्वारा एनुवल सर्वे आफ इंडस्ट्रीज, नेशन सेम्पल सर्वे, आयुश सर्वे, एएसआई सर्वे, के संबंध में बताया गया। उन्होंने कहा कि उद्यमी अपने उद्योग का रजिस्टेªशन करायें। कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकाश मौर्य ने कहा कि व्यापारियों एवं उद्यमियों ने व्यापारिक गतिवधियों को बढ़ाने के लिए जो सुझाव रखे हैं, उन सुझावों को सर्वे के आधार पर नियोजन विभाग कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि संगठित एवं असंगठित व्यापारी एवं उद्यमी तथा निजी प्रतिष्ठान के लोग सर्वे में जागरूक होकर अपना सहयोग प्रदान करें, जिससे कि बेहतर नीति निर्धारण कर अर्थ व्यवस्था को और मजबूत बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश को वन ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था बनाना शासन कि सर्वाेच्च प्राथमिकता है इसलिए आप सभी से यह अपेक्षा की जाती है कि प्रत्येक माह की अंतिम तारीख को संबंधित त्रुटिरहित सूचनाएं जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराएं। कार्यशाला में उद्यमी रोहित जैन, राजकुमार राज, संतोष गुप्ता एवं मनोज जैन ने भी अपने सुझाव प्रस्तुत करते हुए उद्यमियों के लिए सिंगल विण्डों सिस्टम को प्रभावी बनाये जाने तथा परिवहन तथा टूरिज्म उद्योग को बढाने, कच्चे माल की उपलब्धता के संबंध में सुझाव दिये। बैठक में अपर जिलाधिकारी उमाकान्त त्रिपाठी, उप निदेशक अर्थ एवं संख्या विभाग अमलेन्द्र राय, डीएसटीओ संजीव बघेल एवं पुष्पेद्र कुमार, एनएसओ के प्रतिनिधि रोहित श्रीवास्तव एवं रजत कुमार सहित विभिन्न व्यापारिक, उद्यमी संगठनों के प्रतिनिधि तथा जिला स्तरीय अधिकारी गण उपस्थित रहे।