जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तहसील मधुबन के ग्राम सुग्गीचौरी में राहत चौपाल का हुआ आयोजन

मऊ।आज जिलाधिकारी अरुण कुमार की अध्यक्षता में तहसील मधुबन ने के ग्राम सुग्गीचौरी में राहत चौपाल का आयोजन किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी ने बाढ़ के दौरान सक्रिय विभागों की तैयारियों की समीक्षा करने के साथ ही ग्रामीणों से भी बाढ़ के दौरान होने वाले समस्याओं की जानकारी लेते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
राजस्व विभाग द्वारा की गई तैयारियों की समीक्षा के दौरान संबंधित क्षेत्र के कानूनगो ने आपदा के दौरान होने वाली जन-धन की हानि पर मिलने वाले  राहत अनुदानो के बारे में विस्तृत जानकारी ग्रामीणों को दी। सुग्गीचौरी ग्राम के आसपास के गांव में बाढ़ के दृष्टिगत विस्थापित लोगों के लिए चिन्हित शरणालय के बारे में जानकारी लेते हुए जिलाधिकारी ने पहले से ही सारी तैयारियां पूर्ण रखने के निर्देश दिए। उन्होंने क्षेत्र में संचालित बाढ़ चौकी को 24 घंटे सक्रिय रखने के निर्देश दिए। इस दौरान एनडीआरएफ टीम का हेल्पलाइन नंबर, नाविकों, गोताखोरों तथा कम से कम 30 ग्रामीणों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जाने की जानकारी लेते हुए जिलाधिकारी ने पर्याप्त मात्रा में लाइफ जैकेट, बाढ़ के दौरान प्रयोग होने वाले उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश उप जिलाधिकारी को दिए। सिंचाई विभाग की तैयारियों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने सूरजपुर बांध के ऊंचाई एवम् मरम्मत कार्य की जानकारी लेते हुए पर्याप्त मात्रा में ई सी बैग,नायलॉन क्रेट इत्यादि की व्यवस्था पूर्व में ही कर लेने को कहा।पुलिस विभाग द्वारा स्थापित बाढ़ चौकियों की जानकारी लेते हुए उन्होंने बाढ़ चौकियों पर कार्यरत कर्मचारियों की तैनाती सुनिश्चित करने के साथ ही बाढ़ के दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों के संबंध में जिलाधिकारी ने वर्तमान में संचारी रोगों एवं अन्य बीमारियों से बचाव हेतु क्षेत्र भ्रमण कर लोगों को जागरूक करने के भी निर्देश दिए। बाढ़ के दौरान विस्थापित पशुओं हेतु पर्याप्त मात्रा में भूसे व चारे का आकलन कर उसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश जिलाधिकारी द्वारा पशु चिकित्सा अधिकारी को दिए गए। ग्राम्य विकास विभाग की तैयारियों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने शत प्रतिशत हैंडपंपों का मरम्मत कार्य किए जाने, आंतरिक मार्गों का मरम्मत करने, नई नालियों के निर्माण में तेजी लाने तथा पुरानी नालियों की नियमित साफ-सफाई करने के निर्देश एडीओ पंचायत को दिए। इस दौरान कुछ ग्रामीणों द्वारा पीडब्ल्यूडी की संपर्क मार्ग के क्षतिग्रस्त होने की बात संज्ञान में लाए जाने पर जिलाधिकारी ने तत्काल उस पर पैच अप कार्य करने को कहा। बाल विकास पुष्टाहार विभाग तैयारियों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने 0 से 5 वर्ष के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री तथा कुपोषित बच्चों की सूची तैयार कर शत प्रतिशत टीकाकरण एवं अन्य आवश्यक कार्यवही करने के निर्देश दिए। कुछ ग्रामीणों द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ पिछले वर्ष ना मिलने पर जिलाधिकारी ने कृषि विभाग के अधिकारी से पिछले वर्ष फसल क्षति की जानकारी लेते हुए नियमानुसार कार्रवाई कर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ दिलाने को कहा। इस दौरान उन्होंने खाद्य एवं रसद विभाग के सप्लाई इंस्पेक्टर को नियमित खाद्यान्न वितरण करने तथा बाढ़ के दौरान विस्थापित लोगों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त एवं जर्जर तारों तथा बाढ़ चौकी स्थित पोल पर लगे लाइटों को तत्काल ठीक कराने के निर्देश दिए। राहत चौपाल के दौरान ग्रामीणों द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर की तैनाती न होने, पिछले वर्ष हुई फसल क्षति का मुआवजा न मिलने,बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत,अमृत सरोवर के सुंदरीकरण,बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के जर्जर विद्युत तारों को बदलने,नाली की सफाई रिंग बंधे पर मिट्टी डालने, सरकारी पोखरी पर अतिक्रमण के कारण सड़कों पर पानी के जमाव, भैरोपुर से नुरुल्लापुर क्षतिग्रस्त रोड को ठीक कराने जैसी समस्याओं से जिलाधिकारी को अवगत कराया। कुछ ग्रामीणों ने उनके घर एवं झोपड़ी के ऊपर से हाईटेंशन तार गुजरने की भी शिकायत की। जिलाधिकारी ने विद्युत विभाग के संबंधित अधिकारी को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का सर्वे कर समस्त जर्जर खंभे एवं तारों को बदलने तथा मकानों के ऊपर से गुजरने वाले हाईटेंशन तारों की समस्या का निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने वहां पर उपस्थित लोगों को आश्वस्त किया कि ग्रामीणों द्वारा उठाई गई समस्याओं का यथासंभव समाधान करा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राहत चौपाल के माध्यम से जिला प्रशासन प्रत्यक्ष रूप से बाढ़ के दौरान होने वाली समस्याओं से अवगत होते हुए उनके निस्तारण हेतु प्रयासरत है, जिससे बाढ़ के दौरान जन धन की हानि को कम किया जा सके।इस दौरान उप जिलाधिकारी मधुबन अवधेश चौहान, नायब तहसीलदार मधुबन, बाढ़ के दौरान सक्रिय रहने वाले समस्त विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।