हम सिर्फ मणिपुर पर संसद में चाहते हैं चर्चा : कांग्रेस

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि मणिपुर जल रहा है और वहां महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर संसद में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी तथा संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूर्वोत्तर में मणिपुर जल रहा है और वहां महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की जो घटना हुई है वह हृदयविदारक है। किसी भी महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म होना या महिला को निर्वस्त्र होकर घुमाना अत्यंत दुखद है और इस घटना से पूरा देश शर्मशार हुआ है।कांग्रेस नेताओं ने कहा कि विपक्ष मणिपुर के मुद्दे पर सदन में 267 के तहत चर्चा की मांग कर रहा है और इसकी वजह यह है कि इस नियम के तहत पूरे दिन चर्चा की जा सकती है। उनका कहना था कि यदि सरकार ने गुरुवार को इस पर चर्चा शुरु कर दी होती तो अब तक चर्चा पूरी हो गई होती, लेकिन इस बारे में वे चर्चा ही नहीं चाहते हैं इसलिए चर्चा को टालने में लगे हैं।उन्होंने कहा कि घटना चार मई की है और इसको लेकर प्राथमिकी दर्ज हुई है। मणिपुर जल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश विदेश घूम रहे थे। वह विदेश गये लेकिन मणिपुर जल रहा है वहां नहीं गये। अगर नहीं भी गये थे तो कम से कम एक शब्द भी बोल देते तो इसका असर पड़ सकता था, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बोला। मणिपुर में जो हुआ है, ऐसी वीभत्स और हृदय विदारक घटना आज तक नहीं हुई है। इस घटना के बाद श्री मोदी दो बार विदेश जा चुके हैं, लेकिन शायद उनके लिए मणिपुर महत्वपूर्ण नहीं है इसलिए वह न मणिपुर गए और न कहीं उन्होंने मणिपुर को लेकर कुछ बात कही है।श्री तिवारी ने कहा “प्रधानमंत्री मोदी के मणिपुर न जाने पर एक बात याद आती है कि जब रोम जल रहा था, तब नीरो बांसुरी बजा रहा था। वे विदेश में लोगों को संबोधित कर रहे थे, लेकिन मणिपुर के लिए उनके पास दो शब्द नहीं थे। गृह मंत्री अमित शाह भी तीन दिन मणिपुर में रहकर आए। अब या तो उन्हें इस वीभत्स घटना की जानकारी नहीं दी गई… या उन्हें घटना की जानकारी मिली, लेकिन उन्होंने यह जानकारी देश को नहीं दी।”उन्होंने कहा कि गृहमंत्री कहते हैं कि वह मणिपुर गये, लेकिन उनसे किसी ने यह बात नहीं बताई। यह कैसे संभव हो सकता है। हर दिन वहां घटनाएं हो रही हैं और यह बात वहां के मुख्यमंत्री कहते हैं। श्री मोदी ने कभी कुछ नहीं बोला लेकिन जब उच्चतम न्यायालय इस घटना का संज्ञान लेता है तो फिर श्री मोदी का बयान संसद के बाहर से आता है और तब भी वह संसद के दोनों सदनों में इस बारे में कुछ नहीं बोलते हैं।कांग्रेस नेता ने कहा “जब से हमने मणिपुर का वीडियो देखा है, हम में से कोई भी सहज नहीं हो पाया है। वहीं इस घटना पर प्रधानमंत्री मोदी तब बोले, जब उनके ट्रोल्स तक पिघलने लगे। मणिपुर की घटना पर बोलते हुए उन्होंने अपनी मंशा स्पष्ट कर दी। अपने ट्रोल्स को इशारा कर दिया कि अब राजस्थान और छत्तीसगढ़ की बात करें। प्रधानमंत्री जी को बोलने से पहले अपनी सरकार के आंकड़े देखने चाहिए, फिर ऐसी कायराना बातें करनी चाहिए।”