लखनऊ। महामारी ने हमें कई महत्वपूर्ण सबक दिए, जिनमें से सबसे बड़ा सबक यह है कि ‘‘स्वास्थ्य’’ हमारी सबसे बहुमूल्य संपत्ति है। जहाँ बीमा एक अहम स्थान रखता है, वहीं यह भी उतना ही जरूरी है कि हमारे दृष्टिकोण को सुरक्षा से रोकथाम की ओर ले जाया जाए। जिम्मेदार आदतों को अपनाने से न केवल बीमार पड़ने की संभावना घटेगी, बल्कि चिकित्सा में लगने वाली भारी खर्च में भी कमी आएगी। अवीवा इंडिया के सीईओ एवं एमडी, असीत रथ एक स्वस्थ भविष्य के लिए पाँच सेहतमंद आदतों के बारे में बता रहे हैं।असीत रथ, सीईओ एवं एमडी, अवीवा इंडिया ने कहा, ‘‘केवल बीमा कवरेज पर निर्भर रहने ही बजाय हमें अपनी सेहत व स्वास्थ्य की रक्षा के लिए पाँच सेहतमंद आदतों को अपनाना चाहिए। सबसे पहले तो जिम्मेदार वित्तीय आदतें विकसित करें और स्वास्थ्य के लिए एक बजट का निर्धारण कर अनुशासन से उसका पालन करें। अनावश्यक उपभोक्ता सामानों पर खर्च करने से बचें और अपनी आय का कम से कम 35 प्रतिशत हिस्सा भविष्य के लिए बचाएं। याद रखें कि 15 से 20 साल के लंबे समय में हर माह नियमित तौर की गई छोटी-छोटी बचत सालों बाद की गई बड़ी बचत के मुकाबले बेहतर होती है। यह आदत अपनाकर एक सकारात्मक दृष्टिकोण बनता है, जिससे निर्णय लेने की क्षमताएं बढ़ती हैं, और मानसिक सेहत में सुधार होता है।’’रथ ने आगे कहा, ‘‘स्वस्थ आहार प्रिवेंटिव हैल्थकेयर का एक महत्वपूर्ण तत्व है। विभिन्न अध्ययनों ने खराब आहार की आदतों और बीमारियों के बीच सीधा संबंध स्थापित किया है। उदाहरण के लिए ज्यादा सैचुरेटेड और ट्रांस फैट युक्त आहार से हृदय रोग का जोखिम बढ़ता है, जबकि बहुत ज्यादा मात्रा में शुगर लेने से डायबिटीज को सकती है। इसके विपरीत, फल और सब्जियाँ ज्यादा खाने से विशेष तरह के कैंसर होने का जोखिम कम होता है। अपने शरीर को संपूर्ण आहार व पोषण देकर आप स्वास्थ्य की समस्याओं के खिलाफ एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली बना सकते हैं।’’
नियमित रूप से व्यायाम करने से न केवल आपकी शारीरिक सेहत में सुधार होता है, बल्कि चोट या दुर्घटना का जोखिम भी कम हो जाता है। इससे आपके शरीर की शक्ति, लचीलापन और तालमेल बढ़ते हैं। नियमित व्यायाम से बनाए शारीरिक स्वास्थ्य का मानसिक सेहत पर भी अच्छा असर होता है। साथ ही, आज के डिजिटल युग में व्यक्ति घर बैठे ही आराम से अपनी जाँच करा सकता है।